एक तरफ उत्तराखंड के नौकर शाही खुद को सबसे बड़ा समझती है और बाकी सब कर्मचारियों को अपना गुलाम समझने की नासमझ भूल करती है हाल में स्वास्थ्य सचिव और महिला डॉक्टर के बीच हुए विवाद ने यह बात साबित कर दी की उत्तराखंड की नौकरशाहों के लिए जनता या कर्मचारियों की भावना का कोई मतलब नहीं हैं.
एक और अधिकारियो का ऐसा रवैया वही दूसरी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी व उनके परिजन सामान्य नागरिक की भांति चिकित्सा हेतु चिकित्सक के पास उनके अस्पताल में स्वयं जा रहे हैं जबकि प्रोटोकॉल के तहत चिकित्सक उनके आवास पर भी आ सकते हैं ।
जी हाँ तस्वीर में बुजुर्ग माता सीएम पुष्कर धामी की माता हैं और वो CMI हॉस्पिटल के चिकित्सक के पास पहुंची हैं ऐसे में अधिकारियों को समझ जाना चाहिए कि जब प्रदेश का मुख्यमंत्री इस तरीके के किसी काम को बढ़ावा नहीं दे रहा है तो फिर अधिकारियों के ऐसे अनुचित काम को कैसे बर्दाश्त करेगा