हिमालय की गोद में बसे ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग विश्व विख्यात केदारनाथ धाम में शीतकाल के दौरान भारी बर्फबारी और कड़ाके की ठंड पड़ रही। श्रद्धालुओं के लिए बाबा के कपाट बंद हैं। इस कड़ाके की ठंड में यहां चल रहा पुनर्निमाण कार्य भी बंद हैं तो कार्यों में लगे मजदूर भी नीचे लौट गए हैं। वहीं बाबा केदार के ऐसे भी एक परमभक्त हैं जिनकी भक्ति पर बर्फबारी और कड़ाके की ठंड भी बेअसर है। बाबा के यह भक्त हैं ललित महाराज जो वर्षों से केदारनाथ धाम स्थित अपने आश्रम में ही रहते हैं। वहां वे भारी बर्फबारी के बावजूद बाबा केदार की तपस्या में लीन रहते हैं।
चारों तरफ गिरी बर्फ और जमा देने वाली ठंड भी इनकी साधना के आगे बेअसर दिखती है। ललित महाराज वर्ष भर साढ़े 11 हज़ार फीट की ऊंचाई में, केदारनाथ धाम में माइनस डिग्री तापमान की कड़कड़ाती सर्दी में बाबा केदार का ध्यान करते हुए योगमुद्रा में समाधि की अवस्था में रहते हैं। बता दें की वर्षों से ललित महाराज की यही दिनचर्या है। वे असहनीय ठंड के बावजूद केदारनाथ धाम में डटे रहते हैं। जमा देने वाली ठंड और 4 से 5 फीट बर्फ के बीच भी भक्ति में लीन हैं। यह बाबा केदार का कोई चमत्कार ही है कि बर्फीले इलाके में जहां ठंड बेहिसाब पड़ती हो वहां ललित महाराज भगवान की तपस्या में लीन रहते हैं। यह किसी दैवीय चमत्कार से कम नहीं।
ललित महाराज पिछले कई वर्षों से कपाट बंद होने के बाद भी केदारनाथ में रहते हैं और आवारा पशुओं की सेवा के अलावा, वह यात्रा के मौसम में हर दिन तीर्थयात्रियों के लिए भंडारे का आयोजन भी करते हैं। हर साल लाखों लोग भंडारा में शामिल होते हैं। यात्रा शुरू होने से लेकर कपाट बंद होने तक लगातार भंडारा चलता रहता है। कई बार जब यात्रा सीजन में यात्रियों के रहने के लिये जगह और खाना नहीं मिलता है तो ललित महाराज यात्रियों को अपने आश्रम में निशुल्क ठहराते और खाना खिलाते हैं।