थराली मोहन गिरी
थराली-उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटों पर मतदान सम्प्पन्न हो चुका है ऐसे में चमोली जिले की सुरक्षित सीट थराली में भी मतदान के बाद यहां चुनाव लड़ रहे 9 प्रत्याशियों का भाग्य भी 10 मार्च तक के लिए ईवीएम मशीन में कैद हो गया है थराली सीट पर इस बार 59.48 प्रतिशत मतदान हुआ है जबकि 2017 में इस सीट पर तकरीबन 58 प्रतिशत मतदान हुआ था 2017 तक में उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार रही थी और मोदी लहर में इस सीट पर 58 प्रतिशत तक मतदान हुआ और भाजपा प्रत्याशी की जीत हुई ,वहीं 2018 में हुए उपचुनाव में इस सीट पर मतदान प्रतिशत घटा और मतदान महज 53 प्रतिशत के आसपास जा कर सिमट गया लेकिन इस बार मतदान प्रतिशत तकरीबन 5 प्रतिशत घटने के बावजूद भी भाजपा उम्मीदवार की ही विजय हुई यानी मतदाताओं में उत्साह कम दिखाई दिया वहीं 14 फरवरी को हुए मतदान में थराली विधानसभा में वोटरों में उत्साह भी दिखा नतीजा उपचुनाव के सापेक्ष मतदान में लगभग 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और पिछले आम चुनाव के सापेक्ष लगभग डेढ़ प्रतिशत की ,हालांकि उपचुनाव के मुकाबले इस बार चुनाव में नए वोटरों की संख्या में भी इजाफा हुआ हालांकि ये बात अलग है कि पलायन और कई वोटरों के नाम कटने के बावजूद वोटर लिस्ट में नाम बरकरार रहे यानी वोटर्स की संख्या बढ़ी वोटर नहीं वहीं दूसरी ओर कई वोटर ऐसे में रहे जो मतदान केंद्र पर वोट डालने तो पहुंचे लेकिन मतदाता सूची में नाम न होने की वजह से उन्हें बैरंग ही लौटना पड़ा
मतदान प्रतिशत में 2017 आम चुनाव और 2018 उपचुनाव और इस बार के चुनाव में हुई बढ़त के हिसाब से अनुमान लगाया जा रहा है कि 2017 में जहां मतदान प्रतिशत बढ़ा था तो मोदी लहर में थराली सीट पर भी सिंटिंग विधायक को अपनी सीट गंवानी पड़ी ,वहीं 2018 में हुए कम मतदान यानी कम उत्साह से सत्तादल की सेहत पर कोई फर्क मतदाता ने नहीं पड़ने दिया यानी कम मतदान के बाद भी बीजेपी विधायक की जीत हुई जिसका अर्थ हुआ कि जनता ने उत्साह कम दिखाया और परिवर्तन की बजाय बीजेपी को ही यथावत रखने का निर्णय लिया लेकिन 2022 में पिछले दोनों चुनावों के मुकाबले बढ़ा मत प्रतिशत कुछ और ही इशारा कर रहा है ये बढ़ा हुआ मत प्रतिशत कहीं परिवर्तन का इशारा तो नहीं
हालांकि यहां ये भी स्पष्ट है कि बीजेपी ने थराली सीट पर सिंटिंग विधायक को उतारने की बजाय चेहरा बदला है अब ये बढ़ा हुआ मत प्रतिशत बीजेपी के चेहरा बदलने के बाद बढ़ा है या फिर थराली सीट पर बीजेपी की विदाई के लिए बढ़ा है ये तो 10 मार्च को स्पष्ट हो जाएगा लेकिन फिलहाल थराली में 9 प्रत्याशियों के चुनाव मैदान में उतरने के बाद भी सीधी लड़ाई सिर्फ भाजपा और कांग्रेस में ही नजर आ रही है और दोनों ही दलों की निगाहें घाट क्षेत्र पर टिकी हुई हैं भाजपा घाट से जितनी बड़ी लीड लेकर आएगी उतनी ही भाजपा की जीत सुनिश्चित हो सकेगी वहीं अगर भाजपा घाट क्षेत्र में एक हजार या इससे कम की लीड में ही सिमट जाती है तो कांग्रेस की राह उतनी ही आसान हो जाएगी
बहरहाल दोनों ही दलों के प्रत्याशी और समर्थकों ने थराली, देवाल, नारायणबगड़ समेत नंदानगर घाट और नंदप्रयाग में बूथों पर अपनी स्थिति जानने के लिए बूथ अध्यक्षो की नब्ज टटोलनी शुरू कर दी है