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Big breaking- रुद्रप्रयाग कांग्रेस में बडी बगावत कांग्रेस का टिकट प्रदीप थपलियाल को मिलने पर पूर्व कैबिनेट मंत्री मातबर सिंह कंडारी, लक्ष्मी राणा वीरेंद्र बुटोला,अंकुर रौथाण, सहित 1500 कार्यकर्ता देगें सामूहिक इस्तीफा


रुद्रप्रयाग- कांग्रेस ने अपने 53 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करदी है वहीं बात करें रूद्रप्रयाग विधानसभा की तो यहां कांग्रेस में टिकट प्रदीप थपलियाल को मिलने पर पार्टी में घमासान मचा हुआ है — आपको बता दें कि2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सुश्री लक्ष्मी राणा को अपना प्रत्याशी घोषित किया था और उस समय प्रदीप थपलियाल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष थे लेकिन प्रदीप थपलियाल ने कांग्रेस के जिला अध्यक्ष के बावजूद भी अपनी पार्टी को कमजोर करने के लिए लक्ष्मी के खिलाफ चुनाव लड़ा और जिस कारण पार्टी को भारी नुकसान हुआ और लक्ष्मी राणा चुनाव हार गई वही टिकट के लिए तैयारी करने वाले सभी दावेदारों का कहना है कि यदि प्रदीप थपलियाल को पार्टी ने टिकट देकर बहुत बडा गलत निर्णय लिया है।और वह वह अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस भवन में अपना इस्तीफा सौंप देंगे। इसमें प्रमुख दावेदार मातबर सिंह कंडारी पूर्व कैबिनेट मंत्री उत्तराखंड सुश्री लक्ष्मी राणा वीरेंद्र बुटोला अंकुर रौथाण, राजीव कंडारी , नरेंद्र बिष्ट ,बंटी जगवाण, चैन सिंह पंवार, किशोर रौथाण, कालीचरण रावत, संजय रौथाण, हयात कण्डारी, अंकित नेगी, समेत तमाम1500 के लगभग कार्यकर्ता इस्तीफा देगें और थर्ड फ्रंट बनाकर अपने प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारेंगे ।जब हमने इन तमाम कार्यकर्ताओं से जानने की कोशिश की कि वह प्रदीप थपलियाल से क्यों नाराज है तो उनका मानना है की प्रदीप थपलियाल 2017 में बगावत करके कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ते तो वह प्रदीप थपलियाल का पूरा समर्थन करते लेकिन। उन्होने कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़कर कांग्रेस पार्टी को कमजोर करने का काम किया और पार्टी ऐसे लोगों को टिकट दे रही है जो सरासर गलत है ।जिससे कांग्रेस पार्टी को रूद्रप्रयाग विधानसभा में जमानत बचाना मुश्किल हो जायेगा। वहीं प्रदीप थपलियाल को टिकट मिलने की खबरों से सोशल मीडिया पर प्रदीप थपलियाल का जमकर विरोध हो रहा है।वहीं सूत्रों का कहना है कि प्रदीप थपलियाल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के रिस्तेदार लगते हैं जिसका फायदा प्रदीप को मिला और
।लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है की प्रदीप थपलियाल को टिकट मिलने से कांग्रेस और कमजोर हो गई।और रिस्तेदारी मजबूत ।

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