देहरादून। उत्तराखंड भाजपा में इन दिनों विधानसभा उम्मीदवारों के चयन को लेकर माथापच्ची चल रही है। ऐसे में भाजपा 5 साल की एंटी इनकंबेंसी और विधायकों की निष्क्रियता को देखते हुए भी कई सीटिंग विधायकों के टिकट काट सकती है। कई बार पार्टी के बड़े नेताओं ने भी यह कहा है कि विधायक यह मान कर ना चलें कि उनका टिकट पक्का है। जिसकी जैसी परफॉर्मेंस होगी उसी आधार पर टिकट दिया जाएगा। टिकट कटने की सुगबुगाहट में भाजपा के कई सीटिंग विधायक देहरादून से लेकर दिल्ली तक की दौड़ लगा रहे हैं। पिछले 2 दिन में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से डेढ़ दर्जन से ज्यादा विधायकों ने मुलाकात की है। खास बात यह है कि अधिकतर विधायक ऐसे हैं जो भाजपा के लिहाज से इस वक्त रेड जोन में है यानी जिन के टिकट काटे जाने की संभावनाएं प्रबल हैं। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के डिफेंस कॉलोनी आवास पर भाजपा के करीब 9 विधायक उनसे मिलने पहुंचे थे। जिनमें टिहरी से भाजपा के सीटिंग विधायक न सिंह नेगी, पौड़ी से मुकेश कोली, लैंसडाउन से दलीप सिंह रावत, प्रताप नगर से विजय सिंह पवार, नानकमत्ता से प्रेम सिंह राणा, रुद्रप्रयाग से भरत चौधरी,घनसाली विधायक शक्ति लाल शाह पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत से मुलाकात करने वाले अधिकतर विधायक ऐसे हैं कि जिनके टिकट काटे जाने को लेकर संगठन में चर्चाएं जोर शोर से चल रही है । शनिवार को भाजपा कोर ग्रुप की बैठक होनी है। जिसमें उम्मीदवारों के चयन को लेकर विस्तृत चर्चा होगी। जिला पदाधिकारियों के फीडबैक को लेकर भी इस में चर्चा की जाएगी। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से मिलकर यह सभी विधायक अपने कटते हुए टिकट को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा कोर ग्रुप की बैठक के बाद प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक भी होनी है। सूत्र बता रहे हैं कि अगले 1 से 2 दिन में दिल्ली में केंद्रीय पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक भी होनी है जिसमें उम्मीदवारों का चयन होना है ऐसे में जिन विधायकों को अपने टिकट कटने का डर है वह देहरादून से लेकर दिल्ली तक बड़े नेताओं से संपर्क कर रहे हैं और अपने टिकट कटने से बचने की जुगत भिड़ा रहे हैं।