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नरेंद्रनगर में आर्मी ने 6 गांवों की आवाजाही के लिए की रोड बंद- ग्रामीणों ने एसडीएम को दिया ज्ञापन

ग्रामीणों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर की रोड खुलवाने की मांग

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रोड न खोलने पर ग्रामीणों ने दी आंदोलन की चेतावनी

 *वाचस्पति रयाल*

नरेंद्रनगर।नगर के बखरियाणा स्थित आर्मी कैंप से अनेकों गांवों को जाने वाली रोड़ उक्त बटालियन द्वारा अचानक बंद किए जाने से प्रभावित 6 से अधिक गांव के लोगों को बड़ी परेशानियों का सामना करने को मजबूर होना पड़ रहा है।
आज 6 से अधिक गांव के लोगों ने उक्त रोड को ग्रामीणों के लिए खोले जाने की मांग को लेकर उप जिला अधिकारी नरेंद्रनगर देवेंद्र सिंह नेगी से मुलाक़ात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा।
विक्रम सिंह कैंतुरा,पूर्व प्रधान मंगल सिंह नेगी तथा सूरत सिंह आर्य के नेतृत्व में उप जिला अधिकारी से वार्ता करते हुए प्रतिनिधिमंडल का कहना था कि वर्ष 1952 में यहां आर्मी कैंप स्थापित हुआ था मगर वे उससे पूर्व न जाने कितनी ही पीढिय़ों से उक्त मार्ग का उपयोग करते रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना था कि बखरियाणा स्थित आर्मी कैंप में आज से पहले न जाने कितनी बटालियनें आयी और चली गयी। मगर किसी भी बटालियन ने ग्रामीणों का रास्ता रोकने की बात तो रही दूर, बल्कि उनका ग्रामीणों के साथ सादगी और सौहार्द का वातावरण रहा है। यह पहली बटालियन है जिसने इस रोड से जाने वाले आधा दर्जन से अधिक गांवों (बखरियाणा; डौंर; तलाईं; गुजराडा़; काड़द,ओणी,बखरोटी, हौदु)के ग्रामीणों का जीना हराम कर दिया है।
ग्रामीणों ने ज्ञापन में उल्लिखित मांगों के साथ वार्ता के दौरान कहा कि या तो प्रभावित सभी गांव को विस्थापित किया जाए अथवा आर्मी कैंप से पूर्व की भांति ग्रामीणों की आवा-जाही के लिए रोड खोली जाए।
ग्रामीणों में इस बात को लेकर भी भारी गुस्सा था कि यहां स्थित सेना के बटालियन के सीओ की ग्रामीणों के लिए रोड पर चलने की अजीब सी शर्तें रखी हैं,जो किसी भी दृष्टि से तर्क संगत नहीं हैं।
मसलन जो भी रोड का उपयोग करें वे आधार कार्ड जमा करें, अनुमति पत्र लें,आदि कई बातें हैं,जो कतई भी व्यावहारिक नहीं हैं।
प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि यह उनका रात-दिन का रास्ता है। महिलाओं की प्रसव पीड़ा से लेकर बीमार लोगों को कैसे अस्पताल पहुंचाया जाय, मवेशियों के लिए सहारा पति के लिए ग्रामीण महिलाएं कहां से जाएं, स्कूल के बच्चे किस रास्ते से होकर जाएं ऐसी तमाम विकट समस्याएं आधा दर्जन से अधिक गांव के सामने ही पैदा हो गई हैं।
उक्त संबंध में देश के रक्षा मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री राज्य रक्षा मंत्री जिलाधिकारी सभी को ज्ञापन पत्र भेजे जा चुके हैं मगर 5 महीने बाद भी आज तक कोई सुनवाई नहीं हो पाई है।
उप जिलाधिकारी देवेंद्र सिंह नेगी ने ग्रामीणों की समस्याओं को सुना और आश्वस्त किया कि इस संबंध में यहां स्थित फौज की बटालियन के अधिकारियों से उनकी वार्ता चल रही है पुणे पुनः ग्रामीणों की समस्याओं से उन्हें अवगत कराया जाएगा।
प्रतिनिधि मंडल का यह भी कहना था कि फौज के प्रति उनके दिल में बहुत बड़ा सम्मान है,लेकिन यदि जो फौज उनकी हिफाजत करती है,वही ग्रामीणों को परेशान करने पर तुल जाए तो आंदोलन के शिवा उनके पास कोई दूसरा चारा नहीं है। ग्रामीणों की मांग है कि उनका रास्ता तुरंत पूर्व की भांति खोल दिया जाए अन्यथा मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाने को ग्रामीणों को मजबूर होना पड़ेगा।
प्रतिनिधिमंडल में विक्रम सिंह कैतुरा, पूर्व प्रधान मंगल सिंह नेगी, सूरत सिंह आर्य,पूर्व पालिका सभासद जयपाल सिंह नेगी, प्रवीण पुंडीर,जोत सिंह पुंडीर,राजपाल सिंह पुंडीर,रविंद्र सिंह,सभासद मनवीर सिंह नेगी, विजय धमांदा, पूर्व पालिका अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राणा, मुसद्दी कैंतूरा, धूम सिंह नेगी, विक्रम सिंह भंडारी,प्रेम सिंह पुंडीर,रविंदर सिंह नेगी व सुरेंद्र आदि थे।

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