रामरतन सिंह पंवार-जखोली
शराब समाज के लिए कितनी कलंकित है और शराब ने कितनों के परिवार को बर्बाद करके रख दिया और शराब के लिए इंसान कितना गिर जाता है कुछ ऐसे ही इस खबर में आपको पढ़ने को मिलेगा पढ़िए खबर आप खबर विस्तार से
जखोली- प्रतिष्ठित समाजसेवी संस्था समूण के सदस्य कमल जोशी ने बताया की उन्हें जानकारी मिली थी की रुद्रप्रयाग के जखोली बलॉक के अंतर्गत एक गांव के किसी शराबी व्यक्ति द्वारा शराब और पैसों के लालच में अपनी नाबालिग बेटी का विवाह जबरन एक मानसिक विक्षिप्त व्यक्ति से तय कर दिया है जबकी वह बालिका विवाह नहीं करना चाहती लेकिन पिता द्वारा बहुत दबाव डालने पर विवाह के लिए विवश हो रही है। विवाह अगले सप्ताह 12 दिसंबर को होना निश्चित था अतः उस बेटी के भविष्य को बचाने के लिए तुरंत ही कदम उठाने की जरूरत थी। कमल ने बताया की उन्होंने तुरंत ही बाल संरक्षण विभाग व् चाइल्ड वेलफेयर एसोसिएशन रुद्रप्रयाग से सम्पर्क किया लेकिन किन्ही कारणों वश उक्त विभागों ने इस मामले में खास रूचि नहीं ली. उस बालिका को बचाने के लिए प्रतिबद्ध समाजसेवी कमल जोशी ने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के अंग वन स्टॉप सेंटर की केंद्र प्रशाशक श्रीमती रंजना गैरोला भट्ट से संर्पक किया व् अधिकारी रंजना जी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुंरत अपनी टीम एक महिला केस वर्कर व् एक रक्षक विभागीय वहां में कमल के साथ उस बालिका के गांव भेज दी जहाँ दस्तावेज देखने पर बालिका के नाबालिग होने की पुष्टि हुई व् जाँच हेतु आयी। महिला केस वर्कर कुमारी आयुषी को बालिका ने बताया की यदि वह बालिग भी होती तो यह विवाह नहीं करना चाहती क्यूंकि लड़का मानसिक विक्षित है और मुझे अब तक उसे मिलवाया नहीं गया है बस एक बार जंगल में घास काटते हुए काफी दूर से एक व्यक्ति दिखाया था और कहा था की ये तेरा पति है मेरे मना करने पर भी कुछ दिन बाल लड़के के पिता बिना लड़का लाये ही मेरे पिता को सगाई की अंगूठी व् कपडे देकर मेरी सगाई करवा दी गयी। मोके पर लड़के का पिता को भी उसके बालक समेत बुलवाया गया था लेकिन वह अकेले ही आया, जांच अधिकारी लड़के को वीडियो कॉल पर ही दिखाने का प्रस्ताव भी दिया गया लेकिन लड़के का पिता इसके लिए भी राजी नहीं हुआ जिससे स्वतः ही सिद्ध हो गया की उसका बेटा पूर्ण मानसिक विक्षिप्त है लेकिन फिर भी वह शादी के कार्ड बंट जाने सारी तैयारियां हो जाने व् लोकलाज का हवाला देकर तय दिन पर बरात लाने व् विवाह के लिए अड़ा रहा किन्तु जब मिला जांच अधिकारी ने सख्ती से उसे क़ानूनी प्रावधान समझाये तो उसके तेवर ढीले हो गए व् वहां मौजूद लड़की व् माता पिता व् ग्राम प्रधान के सामने ही उसने शादी ना कराने बात मान ली व् सगाई में दिया गया सारा सामान वापस ले लिया। लड़की को उसके माता पिता व् उसकी स्वयं की मर्जी से उसके मामा मामी के संरक्षण में भेज दिया गया है जहाँ वह आगे पढाई करेगी व् समूण फॉउंडेशन इसमें सहयोग करेगी। समाज सेवी कमल जोशी के आलावा वन स्टॉप सेंटर रुद्रपयाग से केस वर्कर कुमारी आयुषी व् रक्षक एवं ग्राम प्रधान सहित सभी ग्रामीण मौजूद रहे। मामला नाबालिग से जुड़ा है इसलिए उसका व् उसके परिजनों एवं उसके गाँव का नाम उजागर नहीं किया जाना है।