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4दिसंबर को लगेगा भूमंण्डलीय खगास सूर्यग्रहण- सूर्य ग्रहण के दिन क्या-क्या रखें सावधानी- जानिए आचार्य शिव प्रसाद ममगांई से

भूमंण्डलीय खग्रास सूर्यग्रहण
सूर्य ग्रहण मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष शनिवार 4 दिसंबर 2021 को है ऑस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड दक्षिण अफ्रीका आदि भागों में यह ग्रहण दिखाई देगा भारतीय समयानुसार ग्रहण प्रातः 10:59 से अपराहन 3:07 के मध्य दिखाई देगा भारत में यह सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा भारत में धार्मिक मंत्र यंत्र साधना आदि फलदायक है ग्रहण के समय गंगा आदि पवित्र नदियों सरोवर स्रोतों तथा सागर समुद्र में स्नान का विशेष महत्व है ।मत्स्य पुराण में कहा गया है कि सूर्य ग्रहण के समय गंगा कनखल प्रयाग पुष्कर और कुरुक्षेत्र में स्नान से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है गंगा कनखल ,,पुण्य॔ प्रयागः पुष्करं तथा। कुरूक्षेत्रं तथा पूण्यं राहुग्रस्ते दिवाकरे,,।। इन तीनों पर ग्रहण के समय स्नान के साथ दान करना जप करना होमिदि करना ,,सूर्येइन्दु ग्रहणं यावतावत् कुर्याज्जपादिकम् ,, इन तीर्थन पर ग्रहण के समय स्नान के साथ जाप होम दान करना चाहिए ग्रहण के समय सच्चोल वस्त्र सहित स्नान करने का विधान है। ‘स्नानं सवसनं ग्रहे’ ग्रम्यमाने भवेस्नानं ग्रहस्ते होमो विधीयते । मुच्यमाने भवेद्दानं मुक्तौ स्नानं विधियते,, ।। ग्रहण के समय एवं ग्रहण की समाप्ति पर गर्म पानी से स्नान करना निषिद्ध है ।मृते जन्मनि संक्रान्तौ ग्रहणे चन्द्रसूर्ययो अस्पृश्यस्पर्शनेन चैव स्नायादुष्णवारिणा ।। यह निषेध रोगियों के लिए नहीं है । यह ग्रहण वृश्चिक राशि पर है जहां राहु केतु होते हैं वहीं ग्रहण लगता है अमावस्या तिथी का जब अंत होता है प्रतिपदा का प्रारंभ होता है वहीं पर सूर्य ग्रहण लगता है और जहां पूर्णमासी का अंत होता है कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा प्रारंभ होती है वही चंद्र ग्रहण लगता है वृश्चिक राशि पर केतु है इसी राशी पर यह ग्रहण है और वृष राशि पर राहु है दोनों राशियों के लिए ग्रहण खराब है इन राशि वालों को जप तप दान करना चाहिए , यह ग्रहण अनुराधा नक्षत्र पर है वृश्चिक राशि अनुराधा नक्षत्र जिस जातक का होगा उसके लिए कष्टप्रद है इस समयाअवधि पर सूर्या अवलोकन ना करें पक्का वाहन कटी हुई सब्जी फल ग्रहण काल में दूषित हो जाते हैं उन्हें नहीं खाना चाहिए लेकिन तेल घी में पका हुआ तला हुआ अन्न घी तेल दूध दही लस्सी मक्खन पनीर अचार चटनी मुरवा में दलिया कुसा रख देने पर यह ग्रहण काल में दूषित नहीं होते सुखी खाद्य पदार्थों तिल कुशा डालने को जरूरी नहीं है ग्रहण के मोक्ष के बाद स्नान करके ही भोजन ग्रहण करना चाहिए ग्रहण मोक्ष के बाद खाया जाने वाला भोजन प्राण ना हो मैंने दूसरे घर का अन्न हो सूर्य ग्रहण लगने से पहले 12 घंटे का सूतक लग जाता है लेकिन भारत में अदृश्य होने पर कोई सूतक नहीं है मेष राशि अष्टम पड़ती है इसलिए इस राशि के जातकों को भी सावधान रहने की आवश्यकता है वृष कन्या तुला कुम्भ राशि के जातकों को भी सावधान रहने की आवश्यकता है जाप दान आदि करें।।

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