अमित गिरि गोस्वामी नैनीताल (उत्तराखंड)
नैनीताल उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने महिला अधिवक्ता के घर मे घुसकर मारपीट करने और महिला अधिवक्ता के भाई से मारपीट के मामले में नैनीताल कोतवाल द्वारा रिपोर्ट न लिखे जाने और दूसरे पक्ष की रिपोर्ट दर्ज कर जेल भेजने के खिलाफ सुनवाई करते हुए SSP को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए थे लेकिन SSP अवकाश में होने के चलते कोर्ट में उपस्थित नही हो सकी जिसके बाद स्वयं DGP विडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से पेश हुए सुनवाई के दौरान DGP ने उच्च न्यायालय को बताया कि पूरे मामले की जांच करने के साथ ही नैनीताल के जिम्मेदार कोतवाल को त्वरित कार्यवाही करते हुए सस्पेंड कर दिया है उच्च न्यायालय ने मामले को सुनने के बाद निस्तारित कर दिया आपको बता दे कि हांडी बांडी में रहने वाली महिला अधिवक्ता के घर पर 10 नवंबर को कुछ अराजकता तत्वों द्वारा उनके घर मे घुसकर मारपीट और उनके पड़ोस में रहने वाले व्यक्ति जो अधिवक्ता को अपने घर की देखरेख करने के लिए कहकर बाहर गए हुए थे उनका सामान बाहर फेकने का मामला प्रकाश मे आया था पीड़िता का कहना है कि 10 तारीख और 14 तारीख को कोतवाली में अराजक तत्वों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाने गई थी लेकिन पुलिस ने इनके खिलाफ कोई रिपोर्ट दर्ज न करते हुए उनके भाई पर विभिन्न धाराओं पर मुक़दमा दर्ज कर जेल भेज दिया !