उद्देश्य चार धाम श्री बद्रीनाथ, श्री केदारनाथ, श्री यमुनोत्री एवं श्री गंगोत्री हिन्दू सनातन धर्म के पवित्र एवं पूज्यनीय धाम है। उक्त धाम सांस्कृतिक एवं धार्मिक महत्व के साथ-साथ राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ भी हैं। उक्त धामों में की जाने वाली यात्रा से राज्य के साथ-साथ अन्य राज्यों के लाखों लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करती है। वर्ष 2017 में 2192664 वर्ष 2018 में 2622325 वर्ष 2019 में 3169902 एवं वर्ष 2020 में पूरे देश में कोविड कर्फ्यू के दृष्टिगत माह जून में यात्रा प्रारम्भ हुयी एवं 321609 यात्रियों द्वारा उक्त चामों के दर्शन किये गये।
करने वाले श्रद्धालुओं / यात्रियों आवासीय व्यवस्था संचालकों एवं अन्य हितग्राहियों को कोविड-19 के संक्रमण से सुरक्षित रखते हुए यात्रा सम्पादित करने के प्रयोजन हेतु निर्गत की जा रही है। इस मानक प्रचालन विधि (SOP) का सभी हितग्राहियों यथा चार धाम यात्रा से सम्बन्धित सरकारी विभाग एजेंसियां, ट्रैवल टूर ऑपरेटर आवासीय सुविधा, रेस्टोरेट चिकित्सा सेवा प्रदाता श्रद्धालु / यात्री तथा धामों से सम्बन्धित सभी हितधारकों द्वारा अक्षरशः अनुपालन किया जाना अनिवार्य होगा।
1 2021 में चार धाम यात्रा के संचालन की रणनीति
चार धाम यात्रा के आयोजन निर्णय के साथ यात्रा के सुरक्षित संचालन के लिए निम्न
कार्ययोजना निर्धारित की जाती है:
• सभी यात्रियों / हितग्राहियों द्वारा COVID प्रोटोकॉल और COVID उपर्युक्त व्यवहार • बफर जोन की पहचान और गहन टीकाकरण द्वारा आबादी का संरक्षण
करना
• अग्रिम पंक्ति की गतिविधियों में लगे सभी कर्मचारियों की टीकाकरण द्वारा सुरक्षा
COVID वहन क्षमता आधारित यात्रा संचालन
• प्रभावी प्रवर्तन और निगरानी तंत्र
(ii) कार्ययोजना के मुख्य बिंदुः
क. देहरादून में जिला स्तर और राज्य स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित करना
• धाम के प्रत्येक जिले में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। नियंत्रण कक्ष COVID रिपोर्टिंग के लिए एक डेस्क पर तीर्थयात्रियों के दैनिक रिकॉर्ड बनाए रखेंगे 1