organic ad

हिमालय दिवस के अवसर पर भूगोल विभाग हेमवती नंदन बहुगुणा विश्विद्यालय के अंतराष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन- देश विदेश की प्रतिष्ठित विषय विशेषज्ञों ने किया प्रतिभाग

https://www.facebook.com/100013295836164/videos/591861402168712/?sfnsn=wiwspmo-livebido

हिमालय दिवस के अवसर पर भूगोल विभाग हेमवती नंदन बहुगुणा विश्विद्यालय द्वारा अंतराष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन
देश विदेश के प्रतिष्ठित विषय विशेषज्ञों ने दिए अपने व्याख्यान
इस अवसर पर आयोजित किये गये विभिन्न कार्यक्रम
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय का भूगोल विभाग 9 सितंबर 2012 से हर वर्ष हिमालय दिवस का आयोजन करता आ रहा है।

electronics

इस वर्ष आयोजित अंतराष्ट्रीय वेविनार जिसका विषय था हिमालय कि समस्याएं व समाधान जिसमें देश विदेश के कई प्रतिष्ठित हस्तियों व विषय विशेषज्ञयों द्वारा प्रतिभाग किया गयाव अपने व्याख्यान दिए.इस अवसर पर प्राकृतिक जलस्रोतों की मरम्मत व साफ सफाई स्थानीय प्रजाति के पौधों का रोपण और स्थानीय समुदायों के बीच जागरूकताहेतु गोष्ठीयों आयोजन किया गया। इस वर्ष भी कार्यक्रम “हिमालय: समस्याएं और संभावनाएं” विषय के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन माध्यम से आयोजित किया गया। विभिन्न शिक्षण संस्थान, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, महिला मंगल दल ने इस आयोजन में भाग लिया। कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर महावीर सिंह नेगी, विभागाध्यक्ष, भूगोल ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रुपरेखा प्रस्तुत की । कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय कुलपति एच.एन.बी गढ़वाल वि. वि. प्रोफेसर अन्नपूर्णा नौटियाल द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा हिमालय पर आज अनेक संकट है विभिन्न विशेषज्ञ समितियों ने इसके लिए समय समय पर अपनी संस्तुतियां दी है,उसी के अनुरूप हिमालय में कार्य होने चाहिऐ.ग्लोबल वार्मिंग और हिमालय पर मानवजनित गतिविधियों के प्रभावों के बारे में अपने विचार रखे।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर के एन सिंह, कुलपति केंद्रीय विश्वविद्यालय दक्षिण बिहार गया,विशिष्ट अतिथि पदम श्री प्रोफेसर ए एन पुरोहित और प्रोफेसर जी सी त्रिपाठी पूर्व कुलपति, बी.एच.यू थे। कार्यक्रम के मुख्य वक्ताओं में प्रोफेसर वीर सिंह (कनाडा), प्रोफेसर आर के पांडे (कुमाऊं), प्रोफेसर एच. एल कोइराला (नेपाल), पेमा चोएफिल (भूटान), प्रोफेसर बी डब्ल्यू पांडे (दिल्ली विश्वविद्यालय) एवम् डॉ आर बी कायस्थ (काठमांडू) शामिल थे।
पदम् श्री प्रोफेसर आदित्य नारायण पुरोहित ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा ग्लोबल वार्मिंग के परिणामस्वरूप जलवायु परिवर्तन हो रहा है जो जैव विविधता को प्रभावित कर रहा है,उन्होंने कहा कि ये सभी परिवर्तन मानव जाति के लिए एक चेतावनी हैं। उन्होंने उत्तराखंड की तुलना स्विट्जरलैंड से की लेकिन भारत सरकार द्वारा नीतियों और संसाधनों के उचित कार्यान्वयन की आवश्यकता पर बल दिया ।
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं वर्तमान में ऑस्ट्रेलियन सरकार के वरिष्ठ स्वास्थ्य सलाहकार प्रो0 मोहन सिंह नेगी ने विभिन्न मुद्दों के साथ ही उत्तराखंड में प्रवास के मुद्दे को सामने रखते हुए अपने विचार व्यक्त किए, उन्होंने कहा पहाड़ी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर पलायन के कारण उत्तराखंड के कई गांव भूतवा गांवों में परिवर्तित हो गए हैं। उन्होंने आगे नीति निर्धारण और गांवों को आकर्षण का केंद्र बनाकर काउंटर माइग्रेशन को बढ़ावा देने के संबंध में केंद्र और राज्य सरकार के बीच उचित समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रोफेसर एच एल कोइराला विभागाध्यक्ष भूगोल त्रिभुवन यूनिवर्सिटी काठमांडू नेपाल ने नेपाल हिमालय की समस्यायों से अवगत कराया साथ ही ग्रामीण परिदृश्य में बदलते परिदृश्यों के बारे में भी अपने विचार व्यक्त किये।दिल्ली वि वि के
प्रोफेसर बी डब्ल्यू पांडे ने हिमालय में जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक संसाधनों की चुनौतियों और पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली के बारे में अपना ब्याख्यान प्रस्तुत किया ।
काठमांडू विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान एवं इंजीनिरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर रिजन ने जल संसाधनों पर केंद्रित हिमालयी क्षेत्र के सतत विकास पर अपने विचार साझा किए तथा हिमालयी हिमनदों की स्थिति पर विस्तार से ब्याखान दिया.
इसके अतिरिक्त अन्य बक्ताओं ने विस्तार से हिमालय की वर्तमान प्रमुख समस्याओं एवं कैसे उनका उचित समाधान हों सकता है इस पर अपने ब्याखान दिए.डॉ त्रिलोक चंद सोनी ने हिमालय की वर्तमान समस्याओं तथा उसके लिये हम क्या कर सकते हैं पर अपना व्याख्यान दिया.इससे पूर्व विभागाध्यक्ष भूगोल प्रोफेसर महावीर सिंह नेगी की नेतृत्व में विश्व विद्यालय के चौरास परिसर में फलदार एवं स्थानीय प्रजाति के पौधों का रोपण किया गया. कोविड-19 महामारी के कारण विश्वविद्यालय में ऑफलाइन शिक्षण कार्य बंद होने के कारण स्नातक, स्नातकोत्तर एवं शोध छात्र अपने घरों में रहने के कारण यह सभी कार्यक्रम बड़ी संख्या में छात्रों द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में रहकर संपन्न किए गए. इसके साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के महिला मंगल दलों,आंगनवाड़ी कार्यकत्री, महाविद्यालयों, माध्यमिक स्तर के विद्यालयों एवं क्षेत्रीय प्रतिनिधियों के माध्यम से वृक्षारोपण के प्राकृतिक स्रोतों की साफ सफाई एवं मरम्मत पर्यावरण तथा हिमालय के विषय को लेकर गोष्ठियों आयोजित की गई. कार्यक्रम का संचालन शोध छात्रा चौहान द्वारा किया गया. तकनीकी सहायक के रूप में शोध छात्र सुनील सिंह, विकास रावत, गौरव, अपेक्षा, श्वेता, शिल्पी, प्रियंका, मनीष, शमशेर द्वारा सहयोग प्रदान किया गया. साथ ही वृक्षारोपण कार्यक्रम हेतु एच ए पी पी आर सी, वानिकी, उद्यानिकी, अभियंता महेश डोभाल द्वारा सहयोग प्रदान किया गया. इस अवसर पर आयोजन समिति के सदस्य प्रो0 मोहन पँवार,प्रो0अनिता रुडोला, प्रो0बीपी नैथानी, डॉ.एल पी लखेड़ा, डॉ. इंदिरा सिंह, डॉ आर वी गोदियाल, डॉ वाईएस नेगी,डॉ राजेश भट्ट, डॉ अतुल कुमार, डॉ अनिल दत्त,विभिन्न महाविद्यालयों,महिला मंगल दलों, आंगनवाड़ी केंद्रों,जनप्रतिनिधियों, छात्रों व शोध छात्रों ने प्रतिभाग किया.
इस अवसर पर आयोजन समिति के सदस्य प्रो॰ मोहन सिंह पंवार, प्रो० अनिता रूडोला, प्रो० बी० पी० नैथानी, डा० एल० पी० लखेड़ा, डा० इन्द्रा सिंह, डा आर बी गोदियाल, डा० वाए ० एस० नेगी, डा राजेश भट्ट, डॉ. अतुल, भूगोल विभाग के समस्त शोध छात्र व छात्र उपस्थित थे। वेबिनार में अन्य प्रमुख लोग जिनमें मुख्य रूप से डॉ. हनुमंत प्रसाद आर्य, डॉ. नंद किशोर (राजकीय पीजी कॉलेज जखोली), प्रधानाचार्य और संकाय सदस्य राजकीय पीजी कॉलेज नागनाथ पोखरी, डॉ. त्रिलोक सोनी (वृक्षमित्र), डॉ. जेपी गुप्ता,डॉ. अर्चना नौटियाल,डॉ. भगवती पंत राजकीय पीजी कॉलेज जयहरीखाल,राकेश पंत प्रिंसिपल हाई स्कूल, खाल प्रिंसिपल इंटर कॉलेज लाटा बाबा भंडारी जी,राकेश पंतहाईस्कूल खाल बलबीर रौथाण प्रिंसिपल सिद्धाश्रम सिद्धसौड़,बीरेंद्र राणा नागेंद्र इंटर कॉलेज बजीरा, कपूर पंवार मंगलादेवी इंटर कॉलेज देहरादून, आंगनवाड़ी केंद्र कपनियां जैसे राजेश्वरी राणा , श्रीमती शारदा बहुगुणा बकसीर बांगर, जनप्रतिनिधि डॉ. प्रताप भंडारी डा० सहानी जी० बी पंत संस्थान, राखी बिष्ट प्रवक्ता डाईट गौचर ऑनलाइन उपस्थित थे. अंत में प्रो० मोहन सिंह पंवार ने सभी संस्थाओं,कुलपति गढ़वाल विश्वविद्यालय, मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि इस अवसर पर व्याख्यान देने वाले विषय विशेषज्ञों, आदि सभी का आयोजन समिति की ओर से आभार व्यक्त किया ।

ये भी पढ़ें:  बिना बारिश का भंयकर भूस्खलन का वीडियो उत्तराखंड से आया सामने: देखें वीडियो

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *