

वैश्विक व्यापार घटेगा
आरबीआई गवर्नर ने आगे कहा, ‘दालों की कीमत में उछाल चिंता का विषय है. कृषि उत्पादन से सबको लाभ मिलेगा. WTO के मुताबिक, वैश्विक व्यापार 13 से 32 फीसदी तक घट सकता है. जीडीप ग्रोथ नेगेटिव रहने का अनुमान है. मानसून के सामान्य रहने का अनुमान है.
बिजली, पेट्रोलियम उत्पाद की खपत में गिरावट
आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘2020-21 में जीडीपी ग्रोथ नकारात्मक क्षेत्र में रहने की उम्मीद है. छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने ब्याज दर में 0.40 प्रतिशत कटौती के पक्ष में 5:1 से मतदान किया. भारत में मांग घट रही है, बिजली, पेट्रोलियम उत्पाद की खपत में गिरावट, निजी खपत में गिरावट दर्ज की जा रही है. कोविड19 के प्रकोप के कारण निजी उपभोग को सबसे ज्यादा झटका लगा है. निवेश की मांग रुकी है. कोरोना के प्रकोप के बीच आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती के कारण सरकार का राजस्व बुरी तरह प्रभावित हुआ है.’
अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि कोरोना वायरस के वजह से अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान हुआ है. एमपीसी ने रेपो रेट में कटौती करने का फैसला किया है. शक्तिकांत दास ने कहा कि रेपो रेट में भी कटौती की गई है. 4.4 फीसदी से कटकर अब 4 फीसदी कर दिया गया है.
रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट की कटौती की
रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है. रेपो रेट अब 4.4 से घटक अब 4.0 फीसद हुआ. वहीं आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. केंद्रीय बैंक ने बैंक ब्याज दरों में 0.4 फीसद की कटौती की है. आरबीआई ने कहा कि 6 बड़े प्रदेशों में औद्योगिक उत्पादन गिरा है. कोरोना की वजह से आर्थिक नुकसान हुआ है. मार्च में सीमेंट का उत्पादन गिरा है.
एसबीआई की एक शोध रिपोर्ट
बता दें कि हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक शोध रिपोर्ट आई थी. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि देशव्यापी लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ाने के चलते भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) कर्ज अदायगी पर जारी ऋण स्थगन को और तीन महीनों के लिए बढ़ा सकता है. गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप को रोकने के लिए देश में 31 मई तक लॉकडाउन लागू है. कोविड-19 से जंग के लिए देश में 24 मार्च को 21 दिनों के लिए लॉकडाउन लागू किया गया था
20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज नाकाफी
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने गुरुवार को कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए केंद्र सरकार की ओर से दिए गए 20.9 लाख करोड़ रुपये के पैकेज को नाकाफी बताया था. राजन ने कहा था कि प्रवासी मजदूरों को पैकेज के तहत मुफ्त खाद्यान्न दिया गया है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से वे (मजदूर) बेरोजगार हो गए हैं. उन्हें दूध, सब्जी, खाद्य तेल खरीदने और किराया चुकाने के लिए पैसे की जरूरत है.