देहरादून- उत्तराखंड में चुनाव आते दलबदल का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है वही जब से यशपाल आर्य ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा है तब से उत्तराखंड की राजनीति में हलचल तेज हुई है और लगातार दलबदल की खबरें सोशल मीडिया से लेकर और मीडिया में तैर रही है। वहीं बीते दिन कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने भाजपा छोड़ने की खबरों पर सफाई देने के लिए स्वयं आगे आना पड़ा लेकिन पीएम के दौरे के ठीक 1 दिन पहले आज एक बार फिर सोशल मीडिया पर खबर तैर रही है कि कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय कल पीएम की रैली में भाजपा का दामन थाम सकते हैं, क्योंकि कुछ दिन से कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और किशोर उपाध्याय फेसबुक पर जमकर वार चल रहा है और किशोर उपाध्याय ने यहां तक कहा कि 2017 के चुनाव में जानबूझकर मुझे सहसपुर सीट से लड़ा गया जो मेरे खिलाफ एक साजिश थी। जिससे मालूम होता है हरीश रावत और किशोर उपाध्याय के बीच जो अनबन चल रही वह कुछ बड़ा संकेत दे रही है। और वहीं भाजपा के नेता बार-बार बयान दे रहे हैं की कांग्रेस के कई लोग हमारे संपर्क में हैं वहीं कांग्रेस कह रही भाजपा के कई दिग्गज विधायक और मंत्री हमारे संपर्क में हैं। लेकिन कांग्रेस के लिए कल जोर धीरे से जोर का झटका लगेगा यदि किशोर उपाध्याय भाजपा का दामन थाम ते हैं। हमने इस संदर्भ में किशोर उपाध्याय से जानने की कोशिश की लेकिन उन्होंने हमारा फोन रिसीव नहीं किया मीडिया रिपार्टस् में बताया जा रहा है कि उपाध्याय की भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात हो चुकी है।यह भी कि मामला 2022 में सीट को लेकर फंसा हुआ है। उपाध्याय अपनी पसंदीदा सीट चाहते हैं, तो भाजपा के सामने मौजूदा विधायक का टिकट काटने की चुनौती है। बताते हैं कि यह सब सुलट गया तो उपाध्याय भाजपा का दामन थाम सकते हैं। वही जब हमने प्रदेश कांग्रेस के सलाहकार और प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र अग्रवाल से पूछा तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि किशोर उपाध्याय कांग्रेस के समर्पित सिपाही हैं और वह कहीं नहीं जा रहे हैं और हम सब मिलकर 2022 में कांग्रेस की सरकार बना रहे हैं। वहीं भाजपा के प्रवक्ता विरेंद्र बिष्ट से हमने इस बारे में जानने की कोशिश की तो उन्होंने कहा मुझे इस बात की जानकारी नहीं है। लेकिन सच क्या है वह आज रात बीत जाने के बाद पता चल जाएगा कि किशोर उपाध्याय कांग्रेस में ही बने रहेंगे या भाजपा के हो जाएंगे।