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शिक्षा के क्षेत्र में मिसाल बनकर उभर रहे हैं टिहरी नैलचामी पट्टी के दीपेन्द्र सिंह गुसांई – एकेडमी के जरिए तैयार कर रहे देश का भविष्य

दीपक कैंतुरा,देहरादून

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मृदुल व्यवहार और सरल व्यक्तित्व के धनी है दीपेंन्द्र

· शिक्षा के क्षेत्र में दीपेंन्द्र जला रहे हैं उम्मीदों के दिए

· टिहरी गढ़वाल के घनसाली ब्लॉक मल्यकोट गांव के निवासी हैं दीपेंन्द्र

· GS Academy Defence campus के माध्यम से साकार कर रहे युवाओं के सपने

· दिल्ली मुम्बई ,बंगाल, पंजाब के कई युवा ले रहे हैं एकेडमी में प्रशिक्षण

· 2012 से अभी तक 200 से ज्यादा युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर सेना में बने अधिकारी

· 500 से अधिक युवा सेना में भर्ती होकर कर रहे हैं देश की रक्षा

· शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा काम करना है दीपेन्द्र सिंह गुसाईं का लक्ष्य


देहरादून-दुनिया में हर किसी का कोई–न–कोई सपना जरुर होता हैं कि वह भविष्य में क्या करना चाहता हैं, क्या बनना चाहता हैं और इस सपने को पूरा करने के लिए वह प्रयत्न भी करता हैं. इनमे से कुछ व्यक्ति अपने सपनों को साकार करने में सफल रहते हैं और कुछ नहीं. जी हां कठोर परिश्रम और दृढ़ निश्य के साथ इंसान किसी भी मनचाहे मुकाम को हासिल कर सकता है पहले छोटे लक्ष्यों को तय करके बड़े लक्ष्यों की तरफ बढना चाहिए.. यही सफलता का मूल मंत्र हैं एडीजी केएस शाक्य की इस बात को मन में गांठ बांधकर अपने लक्ष्य की और आगे बढ़े हैं जनपद टिहरी गढ़वाल घनसाली के सुदुरवर्ती छोटे से गांव के तालुक रखने वाले ऊर्जावान युवा दीपेंन्द्र गुसाई आज अपनी कड़ी मेहनत के दम पर अपनी जी एस डिफेंस एकेडमी के माध्यम से हजारों युवाओं का सपना साकार कर रहे वहीं अभी तक एकेडमी के माध्यम से करीब 500 से अधिक युवा एकेडमी से प्रशिक्षण प्राप्त कर देश की सेना में भर्ती होकर देश की सेवा कर रहे हैं। जबकि 200 के करीब युवाओं का सेना में अफसर बनने का सपना साकार हुआ है… दीपेंन्द्र ने 12 वीं तक की पढ़ाई अपने गांव के नजदीक स्कूल शहीद दलबीर सिंह राणा इंटर कॉलेज में की और फिर पहाड़ की पंगडंडियों को नापकर दीपेंन्द्र सिंह आगे के पढ़ाई के लिए देहरादून आए, और NDA की तैयारी में जुट गए. लेकिन कई बार मेरिट आउट और एसएसबी में बाहर होने के कारण सीडीएस की तैयारी में पूर्ण तत्परता से लग गए, लेकिन फाइनल मेरिट में दीपेंन्द्र सिंह सेलेक्ट ना हो सके. तभी से दीपेंन्द्र सिंह ने मन बना लिया था. कि जो सपना मेरा साकार ना हो सका वो सपना आने वाली पीढ़ी का जरुर साकार होना चाहिए. इस लक्ष्य के साथ दीपेंन्द्र सिंह ने देहरादून 2012 में Defence campus के नाम से एक संस्थान को खोला. और संस्था के जरिए बच्चों को NDA के लिए प्रतिशिक्षत करने लगे.

आपको बता दे ये कैंपस “उत्तराखंड के सर्वाधिक सफल संस्थानों में से एक है. आज दीपेंन्द्र सिंह की GS Academy Defence campus में 500 से अधिक छात्र आज विभिन्न सेनाओं में चयनित होकर देश की सेवा कर रहे हैं और 200 से अधिक अधिकारी भारतीय सेनाओं को दे चुके हैं। साथ ही साथ दीपेंन्द्र सिंह एकेडमी में 25 लोगों को रोजगार भी दे रहे है. उनके यहां 25 लोग कार्यरत है. और लगातार पलायन का दंस झेल रहा उत्तराखण्ड में स्वरोजगार की दिशा में एक नई पहल है… दीपेंन्द्र बताते हैं कि 4 बच्चों के साथ उन्होंने 2012 में एकेडमी की शुरुआत की थी और आज उनकी कठिन मेहनत और लगन से आज एकेडमी उत्तराखण्ड के जानी मानी एकेडमीयों में शुमार है। दीपेंन्द्र सिंह की ये छोटी सी पहल ना जाने कितने युवाओं के बड़े-बडे सपने साकार कर रही है। और एकेडमी से प्रशिक्षण प्राप्त करके कई युवा सेना में अपना सुनहेरा भविष्य बना रहे हैं। भले ही दीपेंन्द्र सिंह का सपना पूरा ना हो सका लेकिन वह हजारों युवाओं का सपनों को साकार कर रहे हैं …हम तो बस यही कहेंगे की सच्ची कड़ी लगन और दृढ़ निश्टय लेकर जो चलते हैं उनकी राह में कितने भी रोड़े क्यों ना आ जाएं लेकिन वह अपनी मंजिल को पा ही लेते हैं।

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