देहरादून।
। इस मौके पर उन्होंने कहा कि अब उत्तराखंड के सभी उत्पाद एक ही जगह पर मिल सकेंगे। ऐसे में उत्तराखंड की याद किसी को अपने साथ रखनी है तो वे हमारे स्टोर पर आए।
रूर्बन मिशन के तहत आजीविका संवर्द्धन की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये जॉलीग्रांट के निकट रानीपोखरी ग्रांट में उत्तरा-स्टेट एम्पोरियम का निर्माण किया गया। इसका लोकार्पण करते हुए बुधवार को मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां हर्षिल से लेकर मुनस्यारी तक के उत्पाद मिल सकेंगे। हर छोटी जगह से कई प्रकार के उत्पादों को यहां एक बाजार मिल सकेगा। यहां ऋषिकेश भी पास है और एयरपोर्ट भी है,साथ में देहरादून, हरिद्वार हाइवे भी है,जिससे कि यहां लोग पहुंच सकेंगे। कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री और डोईवाला विधायक त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तरा शब्द नारीत्व लिए हुए है और यह उत्तराखण्ड भी है तो निश्चित रूप से ये एक अच्छी सोच के साथ शुरू किया गया है। ग्राम्य विकास मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों का प्रचार-प्रसार बड़े स्तर पर करने का ये एक खास प्रयास है। मुख्य विकास अधिकारी नितिका खंडेलवाल ने कहा कि ये उत्तराखंड का पहला स्टेट एम्पोरियम है। जहां राज्य के सभी उत्पाद एक ही जगह पर मिल सकेंगे। बताया कि
इसका क्षेत्रफल 2950 वर्गफीट है। इसकी कुल लागत रु. 161.00 लाख है। यह प्रीफेब्रिकेटेड सामग्री से निर्मित भवन है। इस केंद्र में 6 विभागों ट्राइफेड, उद्योग, यूजीवीएस, जायका एवं एनआरएलएम के स्वयं सहायता समूहों-उत्पादक समूहों-संघो एवं शिल्पियों द्वारा निर्मित उत्पादों का प्रदर्शन एवं विपणन किया जाएगा।
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परिसर का विस्तारीकरण
मुख्य विकास अधिकारी नितिका खंडेलवाल ने बताया कि रूर्बन क्लस्टर के रानीपोखरी ग्रांट में सप्ताह के दो दिनों मंगलवार एवं शुक्रवार को हाट का आयोजन किया जाता है। जो कि जीर्ण-शीर्ण दशा में था। रूर्बन मिशन की ओर से इस हाट परिसर का विस्तारीकरण किया जा रहा है साथ ही यहाँ प्रकाश के लिए सोलर लाइट की स्थापना की जा रही है। जिसकी कुल लागत 138 लाख है।
मुख्यमंत्री ने इन योजनाओं का किया लोकार्पण
जिनकी कुल लागत-3186.00 लाख
1.रानीपोखरी में ग्रामीण हाट के लिए अवस्थापना सुविधाओं का विकास कार्य किया जाएगा
लागत- 138 लाख
2.उत्तरा स्टेट एम्पोरियम एवं मल्टी एक्टिविटी सेंटर रानीपोखरी परिसर में अनाज,दाल आदि की पैकेजिंग के लिए 250 वर्गमीटर स्थान में अवस्थापना सुविधाओं का विकास कार्य किया जाएगा
लागत-161 लाख
3.स्वयं सहायता समूहों को बैंक ऋण-ब्याज प्रतिपूर्ति सहायता
लागत-244.74 लाख
4.सीएलएफ को अनुदान@5लाख/सीएलएफ
लागत-85 लाख
5.स्वयं सहायता समूहों के स्वावलम्बन के लिए आर्थिक सहायता@रु 2000/माह
लागत-158.52 लाख
6.क्लस्टर में पेयजल संबंधित कुल 19 योजनाओं का निर्माण
लागत- 2400 लाख