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हिमाचल की राजकुमारी फ्रांसीसी जनरल को यू दे बैठी अपना दिल- पढ़ें और जानें

इतिहास में कई असाधारण प्रेम कहानियां मिलती हैं जो दुनियाभर के लिए आज भी मिसाल है। लेकिन आज ऐसी ही एक मशहूर प्रेमकहानी के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आज भी फ्रांस में प्रेम का प्रतीक माना जाता है और इनकी याद में दोनों की मूर्तियां भी लगाई गई हैं… जी हां, हम बात कर र
याद में मूर्तियां लगी हुई है जिनकी याद में

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हिमाचल की राजकुमारी से हुआ था फ्रांसीसी जनरल को इश्क

:आज भी फ्रांस के लोग याद करते हैं प्रेम कहानी को, लगी है दोनों की मूर्ति
यही कारण है कि उनका और उनके परिवार का हिमाचल से गहरा लगाव है.
चंबा की राजकुमारी रहीं बन्नु पान देई और उनके फ्रांसीसी पति जनरल एलार्ड की लव स्टोरी

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जनरल एलार्ड और हिमाचल की राजकुमारी

जनरल एलार्ड फ्रांसीसी शासक नेपोलियन बोनापार्ट के दरबारी अफसर थे। जो बाद में भारत आए और पंजाब के महाराजा शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह की सेना में शामिल हो गए। बता दें कि भारत में जितने प्रतापी और महान शासक हुए हैं, उनमें से एक महाराजा रणजीत सिंह भी थे। रणजीत सिंह ने एक मजबूत और शक्तिशाली सिख साम्राज्य की स्थापना की थी। जनरल एलार्ड ने पंजाब में इन्हीं की सेना की कमान संभाली थी। जहां उन्होंने अपने फ्रांस के अनुभव को पंजाब में भुनाया और नेपोलियन की सेना की तर्ज पर एक मॉडल ब्रिगेड फौज-ए-खास बनाया। जिसका श्रेय भी जनरल एलार्ड को दिया जाता है।

चंबा की राजकुमारी को दे बैठे थे दिल

जनरल एलार्ड की शादी भी एक भारतीय लकड़ी से हुई थी। उन्होंने चंबा हिमाचल प्रदेश की राजकुमारी बन्नू पान देई से प्रेमविवाह किया था। दिलचस्प यह है कि जनरल एलार्ड पंजाब में रहकर महाराजा रणजीत सिंह की सेना में काम करते हुए राजकुमारी बन्नू पान देई को अपना दिल दे बैठे थे। जिसके बाद में दोनों ने शादी भी की। शादी के बाद 1834 में राजकुमारी बन्नु पान देई जनरल एलार्ड के साथ उनके घर फ्रांस के शहर सेंट ट्रोपेज चली गईं।

फ्रांस में प्यार का प्रतीक माना जाता है यह जोड़ा


राजकुमारी बन्नू पान देई के फ्रांस जाने के कुछ साल बाद ही जनरल एलार्ड की मृत्यु हो गई। जिसके बाद लगभग 45 साल तक राजकुमारी जनरल एलार्ड की यादों के सहारे उनके बनाए घर में रहीं और 1884 में उनकी भी मृत्यु हो गई। आज भी फ्रांस में विशेषकर सेंट ट्रोपेज के लोग राजकुमारी और जनरल को प्यार का प्रतीक मानते हैं। इतनी ही नहीं भारत-फ्रांस के मजबूत होते संबंधों के प्रतीक के रूप में 2016 में सेंट ट्रोपेज में महाराजा और बन्नू पान देई की प्रतिमाओं का अनावरण किया गया था।

अनुराग ठाकुर ने दी श्रद्धांजलि

गौरतलब है कि हाल ही में फ्रांस में संपन्न हुए 75वें कान्स फिल्म महोत्सव में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने नेतृत्व किया था। जहां उन्होंने चंबा की राजकुमारी बन्नु पान देई और उनके फ्रांसीसी पति जनरल एलार्ड को श्रद्धांजलि दी।
इस मौके पर अनुराग ठाकुर का कहना था कि सेंट ट्रोपेज से भारतीय सम्पर्क काफी पुराना है और चार पीढ़ियों के बाद भी यह रिश्ता बना हुआ है. उन्होंने कहा कि सेंट ट्रोपेज में राजकुमारी के परिवार का बहुत सम्मान किया जाता है. राजकुमारी ने अपनी भारतीय जड़ों को यहां संरक्षित किया हुआ है.

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