हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। इस साल 2022 की थीम ‘8 अरब लोगों की दुनिया: सभी के लिए लचीला भविष्य, अवसर, अधिकार और विकल्प सुनिश्चित करना’ रखा गया है। बता दें कि इस दिवस को मानने की शुरुआत 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की गवर्निंग काउंसिल (UNDP) द्वारा की गई थी। इस दिन पूरी दुनिया में जगह-जगह जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम होते हैं और उन कार्यक्रमों के जरिये लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जाती है, ताकि बढ़ती जनसंख्या पर लगाम लगाई जा सके। इसके अलावा परिवार नियोजन के मुद्दे पर भी बातचीत की जाती है। हालांकि अब लगातार बढ़ रही आबादी के कारण यह दिन चिंता जताने व जागरूकता फैलाने का अवसर बन गया है। इस साल की विश्व जनसंख्या दिवस थीम भी इसी पर आधारित है। इससे साफ स्पष्ट हो रहा है कि दुनिया की आबादी चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई है।
विश्व जनसंख्या दिवसके मौके पर संयुक्त राष्ट्र ने भारत को लेकर चौंकाने वाली रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी के मामले में भारत अगले साल चीन को पीछे छोड़ सकता है। अभी चीन सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है और भारत अगले साल उसे पछाड़ देगा। रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में भारत की आबादी 1.412 अरब है, जबकि चीन की आबादी 1.426 अरब है। अनुमान है कि भारत में 2050 में 1.668 बिलियन की आबादी होगी, जो सदी के मध्य तक चीन के 1.317 बिलियन लोगों से बहुत ज्यादा है।
नवंबर 2022 के मध्य तक दुनिया की आबादी 8 बिलियन पहुंच जाएगी। दरअसल दुनिया की आबादी 1950 के बाद से सबसे न्यूनतम गति से बढ़ रही है, जिसमें 2020 में एक प्रतिशत की गिरावट आई थी। संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों में कहा गया है कि 2030 तक दुनिया की जनसंख्या 8.5 बिलियन और 2050 तक 9.7 बिलियन तक पहुंच जाएगी। वहीं 2080 तक इसके लगभग 10.4 अरब के शिखर तक पहुंचने का अनुमान है।
2022 में दुनिया के दो सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्र पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी एशिया हैं। यहां 2.3 बिलियन लोग रहते हैं जो वैश्विक आबादी का 29 प्रतिशत है। वहीं, मध्य और दक्षिणी एशिया की आबादी 2.1 बिलियन है, जो कुल विश्व जनसंख्या का 26 प्रतिशत है। 2022 में भारत और चीन की आबादी 1.4 बिलियन से अधिक है। ये दोनों देश विश्व में सर्वाधिक आबादी वाले देशों में शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि “इस साल का विश्व जनसंख्या दिवस मील का पत्थर है, जब हमें पृथ्वी के आठ अरबवें निवासी के जन्म की उम्मीद है। यह हमारी विविधता को सेलिब्रेट करने का मौका है। बीते सालों में लोगों की औसत उम्र बढ़ी है और बाल मृत्यु दर में कमी आई है। साथ ही यह याद रखने की जरूरत है कि इस ग्रह की देखरेख हम सबकी जिम्मेदारी है।