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हर किसी की वीडियो कॉल उठाना आपको कर देगा कंगाल

टेक्नॉलजी आगे बढ़ने के साथ-साथ साइबर क्राइम के नए तरीक़े भी सामने आ रहे हैं. ऐसा ही एक मामला बेंगलुरु में हुआ. बेंगलुरु (Bengaluru) में फ़ेडएक्स (FedEx) अधिकारी होने का दावा करते हुए एक वकील से धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. वकील को वीडियो कॉल किया गया. उसे 36 घंटे तक उलझाए रखा गया. उनकी अश्लील वीडियो रिकॉर्डिंग की गई और फिर उन्हें फिरौती के लिए ब्लैकमेल किया गया.

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पीड़िता एक प्राइवेट फ़र्म में काम करती हैं. उनके साथ ये धोखाधड़ी हुई है. उन्होंने साइबर पुलिस को बताया कि जालसाजों ने उन्हें 3 अप्रैल की दोपहर 2.15 के करीब कॉल किया और 5 अप्रैल की रात 1.15 बजे तक उलझाए रखा. उनसे 15 लाख रुपये भी ऐंठ लिये गए. ये सब तब शुरू हुआ, जब आरोपियों ने उन्हें कॉल करके फ़ेडएक्स अफसर होने का दावा किया. आरोपियों ने उन्हें बताया कि उनके नाम पर थाईलैंड भेजे गए. पार्सल में 140 ग्राम MDMA (ड्रग्स का एक प्रकार) था. इसके बाद कॉल को दूसरे व्यक्ति को मुंबई पुलिस अफ़सर होने के दावे के साथ ट्रांसफर किया गया.टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक़, उस तथाकथित ‘अफ़सर’ ने पीड़िता को Skype डाउनलोड करने और उसे अपने चैट में जोड़ने के लिए कहा. इसके बाद कॉल को अभिषेक चौहान नाम के व्यक्ति को ट्रांसफर किया गया. जिसने अपने आपको CBI अफ़सर बताया. चौहान ने पीड़िता को बताया कि उसका नंबर मानव तस्करी और ड्रग्स से जुड़ा है. साथ ही, उनसे बैंक बैलेंस और आय के बारे में भी सवाल किया गया. आरोपियों ने उन्हें आधिकारिक प्रक्रिया का हवाला दिया और ये बात किसी को ना बताने की बात कही. उसे बताया गया कि ये नेताओं और पुलिस से जुड़ा संवेदनशील मामला है. बैंक के एक कर्मचारी ने मनी लॉन्ड्रिंग के लिए ग्राहकों के खातों का इस्तेमाल किया है.आरोपियों ने कॉल के दौरान, उन्हें कैमरा चालू करके अपनी स्क्रीन शेयर करने के लिए कहा. 4 अप्रैल को चौहान ने उनसे कहा कि उन्हें अपने लेनदेन को वेरिफ़ाई करने के लिए अपने सारे पैसे उनके खाते में ट्रांसफर करने होंगे. उन्हें पास के बैंक में जाकर एक खाते में 10.7 लाख रुपये ट्रांसफर करने के लिए कहा गया. फिर उन्हें ख़ुद को अपने घर में बंद करने को कहा गया और निर्देश दिया गया कि आगे जो बताया जाएगा. उसके लिए इंतजार करें. बाद में भी उनके क्रेडिट कार्ड से लगभग 4 लाख रुपये के दो लेनदेन किए गए.

इसके बाद आरोपियों ने उन्हें Skype कैमरा चालू करके ‘नार्कोटिक्स टेस्ट’ के लिए कपड़े उतरवाए. धमकी भी दी कि अगर बात ना मानी गई, तो उन्हें और उनके परिवार वालों को ड्रग्स मामले में गिरफ़्तार कर लिया जाएगा और उन्हें मार दिया जाएगा. आरोपियों ने मांग किया कि वो दोपहर 3 बजे तक 10 लाख रुपये भेजें, वरना उनका वीडियो डार्क वेब पर बेच दिया जाएगा. इससे परेशान होकर पीड़िता ने रात 1.15 बजे के क़रीब फोन काट दिया और पुलिस को कॉन्टेक्ट किया.

मामले में पुलिस ने बताया कि IT एक्ट, जबरन वसूली और धोखाधड़ी से संबंधित क़ानूनों के तहत मामला दर्ज किया गया है. आगे की जांच की जा रही है.

पर्सनल डिटेल नहीं मांगते – फ़ेडएक्स
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिर्पोट में फ़ेडएक्स का भी पक्ष बताया गया है. इस बारे में फ़ेडएक्स के एक अफ़सर ने बताया कि कंपनी भेजे गए या रखे गए सामान के लिए कॉल या ईमेल से व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगी जाती. जब तक ग्राहकों द्वारा ख़ुद से पहल ना की जाए. प्रवक्ता ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को कोई संदिग्ध फ़ोन कॉल या मैसेज मिलता है, तो उन्हें तुरंत स्थानीय अधिकारियों को संपर्क करना चाहिए.