प्रदेश में लोकसभा चुनाव का मत-प्रतिशत पिछले चुनाव के मुकाबले कम रहा, लेकिन कई सीटों पर बंपर वोटिंग हुई। राज्य में 55.89 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी मतदान के ये आंकड़े रात्रि 10 बजे तक के हैं। यह पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में लगभग सात प्रतिशत कम है।
बता दें कि प्रदेश भर की 70 विधानसभाओं में वोटिंग के आंकड़े देखें तो सबसे ज्यादा वोटिंग हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में हुई। यहां सबसे ज्यादा 73.21 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि दूसरे नंबर पर सितारगंज में 69.00 फीसद वोट पड़े। वहीं, 67.13 फीसद वोट के साथ तीसरे पायदान पर हरिद्वार का भगवानपुर विधानसभा क्षेत्र रहा। पूरे प्रदेश में सबसे कम मतदान प्रतिशत 31.10 सल्ट विधानसभा में रहा। शहर और ग्रामीण की तुलना में देखें तो ग्रामीण इलाकों में मतदाता अपने राजनीतिक अधिकार के प्रति सजग दिखाई दिए। शहर के मतदाता पीछे रह गए।
मतदान प्रतिशत बढ़ाने की जद्दोजहद में लगा था चुनाव आयोग
चुनाव आयोग कई महीने से मतदान का प्रतिशत बढ़ाने की जद्दोजहद में लगा था। इसके लिए नुक्कड़ नाटक, रैली, गोष्ठी आयोजित करने के अलावा मीडिया व इंटरनेट मीडिया के माध्यम से भी मतदाताओं को जागरूक किया गया। यहां तक कि मतदान के दिन भी मतदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए पिंक बूथ, सेल्फी प्वाइंट जैसी पहल की गई। लेकिन, इस चुनाव में राजनीतिक दल भी प्रचार का पहले जैसा माहौल नहीं बना पाए। इसका असर मत प्रतिशत पर साफ नजर आया।
नैनीताल-ऊधमसिंहनगर में सबसे ज्यादा 59.39 फीसदी वोटिंग
प्रदेश की सबसे अधिक आबादी और सबसे ज्यादा 14 विधानसभा वाले हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र में 20 लाख 35 हजार 726 मतदाता हैं। लेकिन वोटिंग प्रतिशत में नैनीताल-ऊधमसिंहनगर लोकसभा अव्वल रही। हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र में 59.12 प्रतिशत वोटिंग हुई, जबकि नैनीताल-ऊधमसिंहनगर में 59.39 फीसद मतदान हुआ। 51.28 वोट प्रतिशत के साथ टिहरी तीसरे स्थान पर रही। पौड़ी में 48.79 और अल्मोड़ा में सबसे कम 44.43 प्रतिशत मतदान हुआ। विधानसभावार वोटिंग प्रतिशत में हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा में बंपर वोटिंग हुई है।