प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत जी के द्वारा कोटद्वार से लगे लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग पर बन रहे पुलों का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता निर्भय सिंह, सहायक अभियंता और अधीनस्थ अधिकारी लालढांग में मौजूद थे। वहीं, लैंसडाउन प्रभाग के डीएफओ, रेंजर प्रदीप उनियाल समेत वन विभाग के अधिकारियों ने वन मंत्री हरक सिंह को हो रही बारिश के कारण सिगड्डीसोत नदी में हुए कटाव से नुकसान की जानकारी दी। जिसके बाद मंत्री ने लोक निर्माण और वन विभाग के अधिकारियों को सिगड्डीसोत नदी से सड़क को हो रहे कटाव को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। साथ ही लोक निर्माण विभाग को सड़क के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। वहीं वन मंत्री ने कहा कि जंगल और सड़क बचाने के लिए यदि नदी को चैनलाइजेशन (रुख मोड़ने) की जरूरत पड़ती है तो इसके लिए भी अनुमति ली जा सकती है। बता दें कि कोटद्वार को हरिद्वार-देहरादून सहित देश-प्रदेश के दूसरे हिस्सों से जोड़ने के लिए चिलरखाल-लालढांग रोड (कंडी रोड) के निर्माण की मांग बहुत ही लंबे समय से उठाई जाती रही है। इसके लिए क्षेत्र की जनता ने कई बार आंदोलन भी किए। जनता की इस मांग पर डॉ हरक सिंह रावत जी के द्वारा भाजपा सरकार ने इस मोटरमार्ग का निर्माण करने की कवायद भी शुरू कर दी थी, लेकिन सख्त वन कानून का अड़ंगा लग जाने से इसका निर्माण अधर में लटक गया था। हालांकि अब ये बरसों पुराना सपना साकार होने जा रहा है। इसी के साथ आज से पुलों का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।