उत्तराखंड स्थित उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में हुए टनल हादस में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए सरकार और उसकी एजेंसियां अंतरराष्ट्रीय मदद भी ले रही हैं। इसी क्रम में अंतरराष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ और इंटरनेशनल टनलिंग अंडरग्राउंड स्पेस के अध्यक्ष, प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स और उनकी टीम उत्तरकाशी पहुंची है। रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में पत्रकारों से बात करते हुए अर्नोल्ड ने अहम जानकारियां साझा की।
सुरंग के बाहर अंतरराष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान हमारी पूरी कोशिश है कि अंदर फंसे मजदूरों नें से किसी को भी चोट न पहुंचे। हम पूरा ध्यान इस बात पर है। डिक्स ने कहा कि फिलहाल स्थिति हमें सकारात्मक लग रही है। हम यहां एक टीम की तरह काम कर रहें हैं और दुनिया हमारे साथ है। उन्होंने कहा कि फिलहाल स्थिति हाथ में दिख रही है लेकिन यह कहना मुश्किल है कि यह वास्तव में ठीक है या कोई जाल है। मेरे साथ हिमालय भूविज्ञान के सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञ हैं। हमें इस बात की तुलना करने की जरूरत है कि टनल के ऊपर क्या है और अंदर क्या हो रहा है।
रोबोटिक्स मशीन सिलक्यारा पहुंची
उत्तरकाशी सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए रोबोटिक्स मशीन सिलक्यारा सुरंग स्थल पहुंच गई है। बीतते वक्त के साथ खतरा बढ़ता जा रहा है, जिसके चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाई जा रही है।
श्रमिकों के परिजनों के आने-जाने का खर्चा उठाएगी सरकार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों के ऐसे परिजन जो यहां आना चाहते हैं उनके आवागमन का पूरा खर्चा राज्य सरकार उठाएगी। उन्होंने जरूरतमंद परिजनों के मोबाइल रिचार्ज, भोजन, आवास की भी व्यवस्था करने की बात कही। सुरंग में फंसे श्रमिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए परिजनों से भी उनकी बात करवाई जा रही है। दूसरे राज्यों के श्रमिकों के परिजनों व इन राज्यों के अधिकारियों से संपर्क व समन्वय बनाने के लिए राज्यस्तर पर भी एक अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है।