कुमाऊं की दो लोकसभा सीटों पर इस बार के चुनावी रण में भाजपा और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला होगा। ऐसा कहने के पीछे की वजह 2019 के आंकड़े हैं। क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में नैनीताल-ऊधम सिंह नगर और अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट पर आठ उम्मीदवार ऐसे थे जो कि नोटा से भी चुनाव हार गए। यानि की इन उम्मीदवारों को नोटा से भी कम वोट पड़े थे। भाजपा ने दोनों सीटें बड़े अंतर से जीती थी।
नोटा दबाकर उम्मीदवारों को नकारा
नैनीताल-ऊधम सिंह नगर सीट पर इस बार भाजपा से अजय भट्ट व कांग्रेस से प्रकाश जोशी मैदान में हैं। जबकि अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ में एक बार फिर से भाजपा के अजय टम्टा व कांग्रेस के प्रदीप टम्टा के बीच संघर्ष दिखेगा। इ के अलावा छोटे दलों से जुड़े व निर्दलीय मैदान भी मैदान में उतरे हैं। मगर पिछले चुनाव के नतीजों पर नजर डाले तो नैनीताल-ऊधम सिंह नगर में 10,608 और अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ में 15,505 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाकर सभी उम्मीदवारों को नकार दिया था। खास बात यह है कि इन दोनों जगहों से किस्मत अजमाने वाले चार-चार प्रत्याशी नोटा की बराबरी भी नहीं कर पाए थे।
पोस्टल बैलेट में भी नोटा को मिले वोट
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार लोगों ने बूथ पर जाकर नोटा का बटन तो दबाया ही। साथ में पोस्टल बैलेट के माध्यम से चुनावी रण में उतरे उम्मीदवारों को नापसंद किया। 2019 में नैनीताल-ऊधम सिंह नगर सीट पर 68 और अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ में 194 पोस्टल बैलेट नोटा के पक्ष में गए।
पिछले चुनाव में जिन्हें नोटा से कम मत मिले
नैनीताल-ऊधम सिंह नगर अल्मोड़ा-पिथौरागढ़
डा. कैलाश पांडे-5488, सुंदर धौनी-10190
जेपी टम्टा-2053, केएल आर्य-4060
प्रेम प्रसाद आर्य-3339, द्रोपदी वर्मा-3050
सुकुमार विश्वास-3333, विमला आर्य-5351