प्रदेश में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद सरकार भाजपा की है। लेकिन उत्तराखंड प्रदेश में एक बार फिर से विधानसभा चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है। भाजपा ने पिछले दिनों हुए विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड की कुल 70 में से 47 सीटें जीती, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी सिटिंग सीट खटीमा से चुनाव हार गए। ऐसे में भाजपा हाईकमान ने धामी पर भरोसा जताते हुए दोबारा से प्रदेश की कमान उनको ही सौंपने का काम किया। ऐसे में अब उपचुनाव जीतकर छ: माह के भीतर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को विधानसभा का सदस्य बनना होगा। जिसको देखते हुए भाजपा संगठन सीट की तलाश कर रहा है। हालांकि बड़ी बात यह है कि मुख्यमंत्री धामी के लिए प्रदेश के आधा दर्जन से ज्यादा विधायक सीट छोड़ने की पेशकश कर चुके है। जिसमे से सबसे मजबूत दावा चंपावत विधायक कैलाश गहतोड़ी का है। जिन्होंने सबसे पहले मुख्यमंत्री के लिए सीट छोड़ने की पेशकश की थी। चूंकि चंपावत सीट खटीमा से लगती हुई है और यहां बीजेपी दो बार जीत दर्ज कर चुकी है। यहां के जातिगत समीकरण भी बीजेपी के हिसाब से फिट बैठते हैं इसलिए माना जा रहा है कि यहां से धामी के लड़ने के बारे में एक राय कायम हो चुकी है।
सूत्रों के हवाले से एक बड़ी ख़बर भी सामने आ रही है कि देहरादून पहुंचकर गहतोड़ी ने चंपावत ज़िले के भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की है। जिसके बाद आधिकारिक तौर पर एक प्रस्ताव बनाकर पार्टी मुख्यालय में सौंपा गया है। भाजपा सूत्रों की माने तो इस प्रस्ताव में गहतोड़ी ने सीट छोड़ने की पेशकश औपचारिक तौर पर की है। अब प्रक्रिया के मुताबिक गहतोड़ी पहले विधानसभा सदस्य पद से इस्तीफा देंगे, तब धामी के चंपावत से उपचुनाव लड़ने का रास्ता साफ होगा।