मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मंगलवार को सचिवालय में खाद्य पदार्थों में मिलावट के सम्बन्ध में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए ठोस योजना तैयार कर मिलावटखोरों पर कठोर कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रदेश में टेस्टिंग लैब की संख्या बढ़ाने और इनके निर्माण में तेजी लाने के भी निर्देश दिए है। कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए नियमित रूप से अभियान चलाए जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए सख्त से सख्त कदम उठाए जाने के साथ ही मिलावट के प्रति आमजन को जागरूक किया जाये। उन्होंने प्रयोग हो चुके खाद्य तेल से होने वाले नुक़सान से दुकानदारों और आमजन दोनों को छोटी छोटी वीडियोज़ के माध्यम से जागरूक किए जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि मिलावटखोरों की जानकारी देने वालों को रिवार्ड भी दिया जाना चाहिए ताकि लोग जानकारी देने को प्रोत्साहित हों। उन्होंने मिलावट से संबंधित सभी मामलों को फास्ट ट्रैक पर निपटाने के निर्देश दिए। कहा कि मिलावट के गंभीर मामलों पर प्राथमिकता के साथ शीघ्र से शीघ्र फैसला किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि नियमित जांच और कठोर कार्रवाई से ही खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी को रोका जा सकता है। उन्होंने इसके लिए ठोस एक्शन प्लान के साथ ही इसके कार्यान्वयन की टाइम लाइन निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने स्वच्छता रेटिंग प्रमाणीकरण कार्यक्रम को अभियान के तौर पर पूरे प्रदेश में शुरू किए जाने के भी निर्देश दिये।
बैठक के दौरान बताया गया कि एफडीए उत्तराखण्ड द्वारा रूको (RUCO) के तहत् प्रयोग किये जा चुके खाद्य तेल (Used cooking oil) को पिछले वर्ष की मात्रा 3046 लीटर से इस वर्ष बढ़ाकर लगभग 8000 लीटर जब्त किया गया है। खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने को लगातार अभियान चलाये जा रहे हैं। बताया गया कि इस बार खाद्य एवं औषधि प्रशासन उत्तर प्रदेश के साथ संयुक्त रूप से आपूर्ति स्रोत पर भी कार्रवाई की गई है।
इस अवसर पर सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं आयुक्त खाद्य एवं औषधि प्रशासन उत्तराखण्ड डॉ. आर. राजेश कुमार सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।