उत्तराखंड में अब मंत्री, सांसद या विधायक योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास नहीं कर पाएंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से आदेश जारी हुआ है। आदेश की जानकारी मुख्यमंत्री के सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने दी। उन्होंने बताया कि एसीएस, प्रमुख सचिव, सचिव, विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों से कार्यक्रमों का ब्योरा मांगा गया है। लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में होंगे। प्रदेश में लोकार्पण और शिलान्यास करने का अधिकार मुख्यमंत्री को होगा। धामी सरकार ने आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मंत्रियों, सांसदों या विधायकों के कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है।
‘माननीयों’ के शिलान्यास और लोकार्पण पर रोक
आदर्श आचार संहिता लगने से पहले एक मंच से लोकार्पण और शिलान्यास का कार्यक्रम होगा। सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि मुख्यमंत्री का दौरा हर जनपद में प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रमों में संबंधित विभागों के मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों को बुलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि बड़े कार्यक्रमों को एकसाथ मिलाकर कराया जाना प्रस्तावित है। जनपद के दौरे पर निकले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। सचिव ने बताया कि दो तीन महीने बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग सकती है।
मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी हुआ फरमान
मुख्यमंत्री कार्यालय से आदेश जारी होने के बाद मंत्रियों, विधायकों और सांसदों में मायूसी है। जनप्रतिनिधि सरकार के नए फरमान पर सार्वजनिक बोलने से बच रहे हैं। हालांकि चेहरे पर शिकन साफ देखी जा सकती है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री के सीधे जुड़ने से योजनाओं का क्रियान्वयन तेज गति से हो सकेगा और निगरानी रखने में भी सुविधा होगी। शिलान्यास के बाद योजनाएं समय पर अक्सर पूरी नहीं होती हैं। मुख्यमंत्री के आदेश का असर जल्द देखने को मिल सकता है। कई विभाग आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा जल्द से जल्द तैयार करने की कवायद में जुट गए हैं।