नन्द घर आनंद भयो में झूम उठे लोग आचार्य ममगांई की कथा कृष्ण जन्म प्रसङ्ग में
रैबार पहाड़ का:भागवत भाग्य बदलने वाला ग्रंथ जहां भागवत महापुराण का वाचन पारायण होता वही सारे सुख आजाता हैं आयोजको द्वरा कृष्ण जन्म में सुन्दर झांकी टोकरी में बालकृष्ण के स्वरूप दर्शन पानें के लिए वसुदेव से पैर छूने के लिए लपक रहे थे भक्त जन वहीं माखन मिश्री का प्रसाद वितरण किया गया आज मंजू सेमवाल व वन्धुओं के द्वारा टिहरी नगर दून यूनिर्वसिटी मार्ग देहरादून मे श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया जिसमें लोग दूर से आकर कथाका आनंद लेरहे हैं वहीं ज्योतिष्पीठ बद्रिकाश्रम व्यासपीठालंकृत आचार्य शिवप्रसाद ममगांई ने कहा आनंद देनें से चेतना का विस्तार होता है और जब चेतना का विस्तार होता है तो आपका परमात्मा से आनंद लेने का आयतन बढ़ जाता है जितनी बड़ी आत्मा आपके पास होगी उतनी ही परमात्मा की वर्षा आपके ऊपर हो सकती है छोटी आत्मा है छोटा सा पात्र है तो उतनी ही वर्षा होगी आत्मा बड़ी होगी आनन्द भी बड़ा होगा जिस दिन किसी के पास ब्रह्मांड जैसी आत्मा होगी तो ब्रह्मांड का सारा आनंद उस पर बरस पड़ेगा जो प्रेमी अपने प्रियतम भगवान के चरणकमलों का अनन्य भाव से दूसरी भावनाओं व्रतियों व प्रवृतियों को छोड़कर भजन करता है उससे पहली बात तो यह है कि पाप कर्म होते ही नही परन्तु यदि कभी किसी से यह हो भी जाये तो परमपुरुष भगवान श्री हरि उनके ह्रदय में बैठकर वह सारा पाप नष्ट कर देते हैं और उसके ह्रदय को शुद्ध कर देते हैं शुद्ध सत्व का नाम वसुदेव और देवमई पवित्र बुद्धि का नाम हि देवकी है इन दोनो का संयोग होने पर हि प्रब्रह्म का प्राकट्य होता है ।।.
अंशुमन नौटियाल (मुख्य यजमान) ईशान नौटियाल, हार्दिक रतूड़ी, अपूर्व रतूड़ी, पार्थ ढौंडियाल, सर्वज्ञ ढौंडियाल, ऐश्वर्या कोठारी, अजितेश कोठारी, आदित्य भट्ट, अवनि भट्ट, अनाहित मैठाणी, अभिरथ मैठाणी, अनुश्री उनियाल, अनिका उनियाल: यजमान: प्रेमा सेमवाल कृष्ण चंद्र नौटियाल (श्रीमती सीमा नौटियाल) मुकेश रतूड़ी , पूनम रतूड़ी) धनन्जय ढौंडियाल नीलम प्रमोद कोठारी अजिता आशीष भट्ट तृप्ति प्रदीप मैथानी रूची विकास उनियाल , गिरिजा डाक्टर प्रकाश ममगांई आचार्य मंत्री थपलियाल आचार्य विमल नौटियाल आचार्य हिमांशु मैठानी आचार्य हितेश पंत आचार्य सूरज पाठक आचार्य राकेश धस्माना अनिल नौटियाल आयुष बडोनी जी आदि उपस्थित थे