रामरतन सिंह पंवार, जखोली
केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पीठ सैंण के दौरे पर सैनिक स्कूल के लिए नहीं बोले एक भी शब्द जिससे लोगों में निराशा है – मातबर सिंह कंड़ारी
प्रधानमंत्री भी से थी जनता की उम्मीद की सैनिक स्कूल को लेकर करेंगे कोई घोषणा लेकिन पीएम के दौरे से भी जनता को निराशा लगी हाथ
हमारी सरकार सैनिक स्कूल को लेकर गंभीर इस के लिए डीपीआईआर की जा रही है तैयार- विधायक भरत चोधरी
सैनिक स्कूल को लेकर सरकारों ने लोगों को छला-कालीचरण रावत
देहरादून- रुद्रप्रयाग जनपद के जखोली पट्टी बडंमा में बनने वाला सैनिक स्कूल पर उत्तराखण्ड के लोगों को सबसे बड़ा झटका लगा, सरकारी विभागों की नूरा कुश्ती में नौ साल से अधर में लटके सैनिक का स्कूल का रास्ता अब बंद होता नजर आ रहा है। वहीं अधर में लटके इस सैनिक स्कूल के लिए अब केन्द्र सरकार ने बजट देने से मना कर दिया.. और अब उत्तराखण्ड सरकार को यह स्कूल स्वयंम बनाना होगा.. वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी जखोली बड़मा सैनिक स्कूल को लेकर गंभीर है और उन्होंने शिक्षा विभाग से दोबारा अनुरोध करने को कहा है…वर्ष 2012-13 में केन्द्र सरकार ने उत्तराखण्ड के लिए ये सैनिक स्कूल मंजूर किया था.. लेकिन उस समय की कांग्रेस सरकार और अब की भाजपा सरकार का कार्यकाल का अंतिम दौर आचूका है.. लेकिन यह स्कूल धरातल में नहीं उतर पाया है। वहीं मीडिया में खबर छपने के बाद सैनिक स्कूल पर बयानबाजी का दौर भी शुरु हो चुका है…वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री मातबर सिंह कंड़ारी ने कहा की सैनिक स्कूल के नाम पर दस करोड़ क्यों दी गई है और जनता का पैंसा क्यों बर्बाद किया गया वहीं कंडारी ने कहा की ये डबल इंजन की सरकार का गलत निर्णय है इतना ही नहीं लोगों ने स्कूल के लिए 1300 नाली जमीन भी दान की..पूर्व कैबिनेट मंत्री मातबर सिंह कंडारी ने कहा की सैनिक स्कूल के लिए लोगों ने अपनी कीमती जमीन भी दान की वहीं मीडिया में खबर छपने का बाद लोगों में निराशा है.. वहीं सैनिक स्कूल संघर्ष समिती के अध्यक्ष कालीचरण ने बताया की सैनिक स्कूल न बनना हमारे क्षेत्रीय प्रतिनिधि और सरकारों की कमी रही है की सैनिक स्कूल के नाम पर पिछले पांच सालों में एक भी पत्थर नहीं लगाया गया। वहीं क्षेत्रीय विधायक भरत सिंह चौधरी ने कहा कि सरकार इसको लेकर गंभीर है.. और कांग्रेस इस पर राजनीति कर रही है।