पौडी़ – पौड़ी जिले की स्वास्थ्य सेवाओं की लचर हालत किसी से छुपी नहीं है। जिसका जीता जागता उदाहरण पिछले 10 माह के अंतराल में 12 गर्भवती महिलाओं की मृत्यु दर साफ बयां कर रही है। एक तरफ स्वास्थ्य सुविधाओं को प्राइवेट मोड पर देने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है,लेकिन ना तो आम जनमानस इसके लिए आवाज उठाते हुए दिखाई दे रहे हैं और ना ही सरकारी तंत्र कोई ठोस कदम। वहीं इस मामले पर पूछे जाने पर सीएमओ प्रवीण कुमार का कहना है कि वह मानते हैं की इन मौतों के पीछे कुछ तो स्वास्थ्य सेवाओं की लचर हालत थी तो कुछ मृतको के परिजनों का ढीला रवैया था,उन्होंने बताया कि इस मामले पर जिलाधिकारी ने संज्ञान लेते हुए उन्हें आदेशित किया था और उन्होंने इस पर कार्रवाई भी की है उन्होंने कहा कि एक महिला के इलाज के दौरान 108 सेवा खराब होने के कारण उन्हें समय से इलाज नहीं मिल पाया था जिस कारण महिला की मौत हो गई थी उसके बाद तुरंत 108 सेवा पर 20 हजार का जुर्माना लगाया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि कहीं भी किसी भी प्रकार की चूक स्वास्थ्य महकमे की तरफ से होती है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा और उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल जिले में स्वास्थ्य महकमे की हालत सारी बातें बया कर रही हैं यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि यहां की जनता आखिरकार कब तक इस लचर हालत पर निर्भर रहती है।