रुद्रप्रयागः शिक्षा के मंदिर में ज्ञान देने वाले ही जब नशे में होंगे तो वहां पढने वाले बच्चों का भविष्य कैसे बन पायेगा? वहीं नशाखोरी की समस्या सभी युवा वर्ग के लोगों को अपनी गिरफ्त में जकड़ रहा है। इससे बच्चे जहां सर्वाधिक प्रभावित हो रहे हैं, वहीं शिक्षा जैसे सम्मानजनक पेशे से जुड़े कुछ लोग भी अपनी मर्यादाएं भूलकर नशे के नशे में शिक्षा के मंदिर में पहुंच रहे हैं। ऐसे में नौनिहालों का भविष्य क्या होगा वह शिक्षक उनकों क्या ज्ञान प्रदान करेगा। ऐसा ही एक मामला रुद्रप्रयाग जनपद से सामने आया है, जहां एक शिक्षक नशे की हालात में स्कूल में पाया गया
जानकारी के अनुसार रुद्रप्रयाग जनपद के विकासखंड जखोली के अंतर्गत राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चोपड़ा में तैनात जगदीश लाल बीती 25 मार्च को नशे की हालत में स्कूल में आए थे। इसकी जानकारी शिक्षा अधिकारी को दी गई। जिस पर जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा वाईएस. चौधरी ने शिक्षक को सस्पेंड कर दिया। यही नहीं स्कूल का प्रभार सीनियर टीचर को सौंपने के निर्देश भी दिए हैं। बताया गया कि जगदीश लाल सहायक अध्यापक थे और उन्हीं के पास प्रधानाध्यापक का चार्ज भी था
उत्तराखंड में इन दिनों शिक्षकों के नशे में लिप्त होकर स्कूल में पाए जाने की एक के बाद एक नए मामले सामने आ रहे हैं। अभी कुछ दिन पूर्व ही पौड़ी में 2 शिक्षक सस्पेंड हुए थे। उससे पूर्व शिक्षा महकमे ने कठोर आदेश भी जारी किया था। बावजूद उसके शिक्षकों के नशे की हालत में स्कूल पहुंचने के मामले कम नहीं हो रहे हैं। बहरहाल उपरोक्त मामलों को देखते हुए यह स्पष्ट होता है कि शिक्षा जैसे सम्मानित पेशे से जुड़े लोग ही जब सरस्वती के मंदिरों मे नशे की हालात में पाए जाएंगे तो ऐसे मे नौनिहालों का भविष्य क्या होगा।