श्रीनगर गढ़वाल। टिहरी जिले के कई गांव आजादी के सात दशक बाद भी सड़क सुविधा से महरूम हैं। यहां के लोगों के लिए जीवनयापन करना काले पानी की सजा से कम नहीं है। आलम यह है कि बिमारों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए यहां आज भी लोग डंडी-कंडी का सहारा लेते हैं। टिहरी जिले के देवप्रयाग विधानसभा की ग्रामसभा दालढुंग के अंतर्गत दुगड्डा गांव पट्टी बड़ियारगड़ विकासखंड कीर्तिनगर से कुछ ऐसी ही तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें कुछ युवक बीमार बुजुर्ग महिला को डंडी-कडी के सहारे खड़ी चढ़ई चढ़कर अस्पताल ले जा रहा हैं। इन तस्वीरों ने एक बार फिर हर गांव को सड़क से जोड़ने वाले सरकार के वादों की पोल खोलकर रख दी है।
देवप्रयाग विधानसभा के दुगड्डा गांव से तेगड़ सड़क मार्ग तक पहुंचने के लिए ग्रामीणों को तीन किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। यहां तक की बीमार और गर्भवती महिलाओं को आज भी कंधों पर ढ़ोकर अस्पताल पहुंचाया जाता है। दुगड्डा के अलावा नोड़ा धोलियाणा के लोग भी सड़क के लिए तरस गए हैं। नोड़ा धोलियाणा भी सड़क मार्ग से 5 से 6 किलोमीटर दूर है, जहां लोगों को रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करन के लिए कड़ी परेशानीयों से जूझना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि क़ई बार विधायक विनोद कंडारी को पत्र देकर सड़क की मांग की जा चुकी है लेकिन सिवाए आश्वाशन के कुछ नही मिल पाया है।