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सनातन धर्म मे माताओं का मातृत्व जननी रूप अक्षुण है आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं

सनातन धर्म मे माताओं का मातृत्व जननी रूप अक्षुण है आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं

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आज पौड़ी ग्राम मुछियाली के चन्द्र वदनी मन्दिर मे नौ दिवसीय देवी भागवत कथा मे  कमला भट्ट व अन्य देवी भक्तो के द्वारा देवी भागवत की कथा से पूर्व सिता माता मन्दिर से प्राचीन शिव मंदिर से कलश यात्रा करते हुए भगवती चन्द्र वदनी देवि मन्दिर पर बने मंडप मे भगवती दुर्गा का अभिषेक किया गया यह कथा लोक कल्याण के लिए नौ दिन तक चलेगी वही कथा का वाचन करते हुए ज्योतीस्पीठ व्यास आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं जी ने कहा कि सृष्टी मे जो उत्पत्ति रूप जगत के कारण मे जो शक्ति स्वरूपा है और संहार मे रौद्र् शक्ति है वह रौदर होकर संहार करती है यह जगत जो खेल मत्र है वाह ब्रह्मा विष्णु महेश को भी शक्ति प्रदान करती है वाणी शुद्ध होने पर व्यवहार उत्तम के साथ जीवन सफल होता है तब तक तीर्थ गर्जना करते है जब तक मनुष्य देवी भागवत नही सुनता है पाप रूपी कर्ता तभी तक पीड़ा व दुख देता है जब तक मात्र स्वरूपा जगत मा का समीप्या न हो आचार्य ने कहा हिन्दु संस्कृति मे ओम की महता पहले से है जो अर्ध चंद्रा कार विन्दु हि शक्ति स्वरूप है सनातन धर्म भौतिवाद को पीछे छोड़कर शांति पाने की शिक्षा देता है यहबात पश्चिमि देशो को अव समझ आ रही है जिनके पास सब कुछ है लेकिन वह अस्थायी शांति नही खरीद सकते हमारी सनातनी संस्कृती को छेड़ छाड कर गलत तरिके से प्रस्तुर्ट किया गया किन्तु उसने अपना गौरव नही खोया आज विशेस कमला प्रसाद भट्ट जी गिरीश भट्ट जी दिनेश भट्ट जी शास्री राम प्रसाद भट्ट जी भाष्कर भट्ट जी आचार्य दिवाकर भट्ट   हेमवन्ति भट्ट जी श्रीमति कमला नौटियाल जी भरोसी देवी सुशीला भट्ट उषा भट्ट दया प्रसाद भट्ट कुन्दा नन्द बचीराम भट्ट निलम भट्ट जतीन दयाल सिंह पंवार आचार्य विश्व दिपक गौड़ जी आचार्य महेश भट्ट जी आचार्य सुनील ममगांई आचार्य सूरज पाठक सुनील शुक्ला जी सुनील नौटियाल आचार्य भट्ट जी पोस्ट मास्टर पंवार जी कान सिंह पंवार जी आदि भक्त गण भारी संख्या मे उपस्थित रहे।।