आज सुबह से उत्तराखंड की राजनीति में दिल्ली से लेकर देहरादून तक सियासत गर्म है और अब सबकी नजर दिल्ली हाईकमान पर टिकी है प्रदेश के कद्दावर कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत को दिल्ली बुलाए जाने के कई मायने निकाले जा रहे हैं एक तरफ मीडिया खबरों के मुताबिक डॉ हरक सिंह रावत को प्रदेश अध्यक्ष बनने की बात सामने आ रही है दूसरी तरफ डॉ हरक सिंह रावत को 2022 की चुनाव समिति के अध्यक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है नई दिल्ली में डॉ हरक सिंह रावत रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ और अनिल बलूनी की भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से से मुलाकात हुई वही भाजपा के विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि डॉ हरक सिंह रावत को 2022 की चुनाव की कमान भाजपा दे सकती हैं। वहीं नड्डा के बाद हरक सिंह रावत अमित शाह से भी मुलाकात करेंगे –भाजपा के सूत्रों का कहना है कि भाजपा हरक सिंह को अध्यक्ष बनाने के लिए पूरी तरह से अपना मन बना चुकी है। कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के कांग्रेस में जाने के बाद भाजपा ने एक बार से फिर बागियों को साधना शुरू कर दिया है वही हरक सिंह रावत राजनीति के उन माहिर खिलाडियों में शामिल हैं जो जहां जाते हैं वहां अपना प्रमुख स्थान बनाते हैं। भाजपा यह भली-भांति समझ चुकी है चुनाव के समय हरक सिंह रावत को छेड़ना पार्टी के हित में नहीं होगा इसलिए भाजपा हरक के हुनर को देखते हुए उन्हें भाजपा का कप्तान बना सकते हैं वही हरक सिंह रावत के बारे में कहा जाता है कि हरक सिंह रावत उत्तराखंड की किसी भी सीट से चुनाव लड़े तो वह चुनाव जीत जाएंगे इसका उदाहरण रुद्रप्रयाग विधानसभा की सीट पर 2012 में देखा गया जहां मात्र 11 दिन में हरक सिंह रावत ने चुनाव जीतकर मंत्री पद हासिल किया। लेकिन देखना होगा कि हरक सिंह रावत को यदि भाजपा अध्यक्ष की कमान सौंपती है तो कहीं भाजपा में बगावत स्थिति ना बन जाए यदि भाजपा सच में हरक सिंह रावत को अध्यक्ष बनाती है तो 2022 के चुनाव में धामी धाकड़ के साथ धाकड़ हरक सिंह रावत की मजबूत जोड़ी भाजपा के लिए संजीवनी साबित हो सकती है। वही पिछले दिनों उत्तराखंड दौरे पर आए पीएम मोदी ने भी डॉ हरक सिंह रावत से मजाकिया अंदाज में कहा हरक सिंह रावत जी आपकी हनक कैसी चल रही है अब देखना होगा हाईकमान हरक की हनक क्या गुल खिलाएगी। यदि हरक सिंह रावत अध्यक्ष या चुनाव समिति के अध्यक्ष बन गए तो वह चुनाव नहीं लड़ेंगे और हरक सिंह रावत के समर्थकों का कहना है की डॉ रावत को चुनाव लड़ना चाहिए क्योंकि उन्हें अभी राजनीति की लंबी पारी खेलनी है।