कैबिनेट ने अतिथि शिक्षकों को भी राहत दी है। स्थायी शिक्षक की नियुक्ति होने पर हटाए गए अतिथि शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में नियुक्ति दी जाएगी। इसमें भी मूल जनपद में तैनाती को प्राथमिकता देने का भी निर्णय किया गया है। अतिथि शिक्षकों की तैनाती वाले स्कूलों में नई नियुक्तियां नहीं की जाएंगी। अपने भविष्य को लेकर लंबे समय से असुरक्षित महसूस कर रहे अतिथि शिक्षकों को सोमवार को सुरक्षा कवच मिल गया।
प्रदेश में वर्तमान में कार्यरत 4418 अतिथि शिक्षकों के पदों को अब रिक्त नहीं माना जाएगा। लोक सेवा व अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग से चुनकर आने वाले एलटी और प्रवक्ता की पोस्टिंग के लिए अतिथि शिक्षकों को नहीं हटना होगा। कैबिनेट के फैसले से अतिथि शिक्षकों में खुशी की लहर है। अब तक स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति होने पर अतिथि शिक्षकों को हटा दिया जाता था।
हालांकि सरकार ने हटने वाले अतिथि शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में नियुक्ति का रास्ता खुला रखा था लेकिन उस पर कभी पूरी तरह अमल नहीं हो पाया। पिछले दिनों भी एलटी से प्रवक्ता पद पर प्रमोशन और नए प्रवक्ताओं की नियुक्ति की वजह से कई अतिथि शिक्षकों केा हटना पड़ा। चार जुलाई की कैबिनेट बैठक में अतिथि शिक्षक के हित में उनके पदों को रिक्त न मानने पर सहमति बन गई थी।
लेकिन तब से आदेश नहीं हो पाया था। अब कैबिनेट ने इस पर विधिवत निर्णय कर दिया है। नई व्यवस्था में अतिथि शिक्षकों के पदों को एक तरह से स्थायी मान लिया गया है। जिन पदों पर अतिथि शिक्षक नियुक्त होंगे उन्हें रिक्त नहीं माना जाएगा। माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष आशीष जोशी ने इस फैसले के लिए सरकार का आभार जताया। कहा कि पद को रिक्त न मानने के फैसले पर जल्द से जल्द आदेश भी कर दिया जाए।
वहीं टिहरी जनपद के अतिथि शिक्षकों और जनप्रतिनिधियों ने भी सरकार का आभार जताया अध्यक्ष नरेश रतूड़ी, उपाध्यक्ष विमल शाह, विनय प्रकाश भट्ट, विवेक मैठाणी, सचिन जोशी, दिलीप नेगी, विजय लिंगवाल, सुशीला रावत, दीपाली रावत, और मधु पंवार आदि शिक्षक/शिक्षिका मौजूद रहे।