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गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. विक्रम सिंह रावत ने लगातार बारहवीं बार उत्तीर्ण की यूजीसी नेट की परीक्षा दो बार प्राप्त कर चुके हैं गोल्ड मेडल

गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. विक्रम सिंह रावत ने लगातार बारहवीं बार उत्तीर्ण की यूजीसी नेट की परीक्षा
दो बार प्राप्त कर चुके हैं गोल्ड मेडल

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मनोविज्ञान विषय में रह चुके हैं यूनिवर्सिटी टॉपर
पतंजलि विश्वविद्यालय से प्राप्त कर चुके हैं पीएच.डी. की उपाधि
ऋषिकेश (मुनि-की-रेती) – उत्तराखंड राज्य के होनहार वाशिंदे आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। इस बार 17 अक्टूबर को घोषित हुए प्रतिष्ठित यूजीसी नेट परीक्षा के परिणामों में राज्य के क‌ई युवाओं ने सफलता हासिल की है। इन युवाओं की सूची में शामिल जहां क‌ई युवाओं ने पहली बार प्रतिष्ठित यूजीसी नेट परीक्षा उत्तीर्ण कर अपने सपनों को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। वहीं राज्य के एक शख्स ऐसे भी हैं जिन्होंने लगातार बारहवीं बार (12) योग विषय में प्रतिष्ठित यूजीसी नेट की परीक्षा में सफलता अर्जित कर कीर्तिमान स्थापित किया है।तीर्थनगरी मुनि-की-रेती, ऋषिकेश निवासी गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. विक्रम सिंह रावत जिन्होंने योग विषय में लगातार बारहवीं बार (12) प्रतिष्ठित यूजीसी नेट की परीक्षा उत्तीर्ण की है। गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. विक्रम सिंह रावत ने इस बार योग विषय में प्रतिष्ठित यूजीसी नेट की परीक्षा में 300 में से 210 अंक अर्थात् 70.00 प्रतिशत अंक प्राप्त किये हैं। इस अभूतपूर्व उपलब्धि को हासिल करने वाले गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. विक्रम सिंह रावत ने बताया कि वह मूल रूप से उत्तराखंड राज्य के टिहरी गढ़वाल जिले के बछेलीखाल, देवप्रयाग के रहने वाले हैं एवं वर्तमान में तीर्थनगरी मुनि-की-रेती, ऋषिकेश में रहते हैं।
गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. विक्रम सिंह रावत पतंजलि विश्वविद्यालय, हरिद्वार से योग विज्ञान विषय में पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की है। उन्होंने शोध निर्देशक प्रोफेसर पारन गौड़ा के निर्देशन में Enhancing the Quality of Life of Ageing Elders Through Yoga Practices विषय पर शोध कार्य पूरा किया है। योगाचार्य गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. विक्रम सिंह रावत ने वर्ष 2023 में उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय, हल्द्वानी से मनोविज्ञान विषय में एम‌.ए. की डिग्री सर्वोच्च अंको में उत्तीर्ण की थी। जिस कारण वह विश्वविद्यालय में एम‌.ए. मनोविज्ञान विषय में यूनिवर्सिटी टॉपर बने थे। इसके अलावा गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. विक्रम सिंह रावत ने वर्ष 2015 में उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार से योग विषय में भी एम‌.ए. की डिग्री हासिल की थी। इस दौरान भी उन्होंने विश्वविद्यालय में सर्वोच्च अंक प्राप्त किए थे। जिसके लिए उन्हें विश्वविद्यालय के छठवें दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक से भी सम्मानित किया गया था। इसके अतिरिक्त वर्ष 2017 में उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार से योग विषय में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा (पी.जी.डी. योग) की परीक्षा में भी सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर उन्हें विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह में भी स्वर्ण पदक से सम्मानित किया जा चुका है।डॉ विक्रम रावत की इन उपलब्धियों के लिए उन्हें अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा के संस्थापक अध्यक्ष डॉ राजे सिंह नेगी ने स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।