देहरादून:- देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी IMA से पास आउट होने वाले 319 भारतीय कैडेट्स में इस बार भी उत्तराखंड के 43 नौजवान शनिवार को पास आउट होकर बतौर लेफ्टिनेंट सेना का अभिन्न अंग बन गए हैं।
वीरभूमि उत्तराखंड के युवा मातृभूमि की रक्षा के लिए हमेशा से ही अंग्रिम पंक्ति में खड़े रहते हैं। इसकी बानगी हर वर्ष पीओपी में भी देखने को मिलती है। हर साल उत्तराखंड के बड़ी संख्या में युवा पासआउट होकर बतौर अफसर भारतीय सेना में शामिल होते हैं।
आपको बता दें कि टिहरी गढ़वाल के भिलंगना विकासखंड के बैंसला (पिलखी) के रहने वाले शिक्षक माता-पिता का होनहार बेटा उज्ज्वल नौटियाल भी आज सेना में अधिकारी बन गया है। उज्ज्वल की इस कामयाबी पर उनके परिजन बेहद खुश हैं। उज्ज्वल की उपलब्धि पर उनकी दादी ने कहा उत्तराखंड की माटी में देश सेवा का जज़्बा है। यही कारण है कि उनके पोते ने राष्ट्र सेवा को चुना। उन्होंने कहा उज्ज्वल ने आज उनका सीना फक्र से ऊंचा कर दिया है।
उज्ज्वल ने अपने परिवार की शिक्षक वाली परंपरा को बदलकर सेना में योगदान देने का बीड़ा उठाया। उज्ज्वल नौटियाल के दादाजी शिक्षा विभाग से प्रधानाचार्य से सेवानिवृत्त है। उनकी मां कविता नौटियाल और पिता यशवंत नौटियाल भी शिक्षक हैं उनके बेटे ने माता-पिता के पेशे को छोड़कर सेना में जाने का फैसला किया। IMA से पास आउट होकर सेना में युवा अधिकारी बने। उज्ज्वल नौटियाल के माता-पिता, दादा-दादी पूरा परिवार आज बेहद गौरवान्वित महसूस कर रहा है। उज्ज्वल की दादी सुमित्रा नौटियाल कहती हैं कि उत्तराखंड की धरती में ही देश सेवा का जज्बा है जिसे उनके पोते ने स्वीकार किया है।
शिक्षक दंपत्ति का बेटा सेना में बना अफसर
बौंसला पिलखी टिहरी गढ़वाल निवासी शिक्षक दंपत्ती का बेटा उज्जवल नौटियाल शनिवार को सेना में अफसर बन गया। उज्जवल नौटियाल के पिता यशवंत प्रसाद नौटियाल वर्तमान में (प्रवक्ता जीवविज्ञान) जीआईसी नथुवाला,देहरादून में एवं मां कविता नौटियाल (प्रवक्ता अर्थशास्त्र) जीआईसी घुमेटिधार में सेवारत है। यशवंत प्रसाद नौटियाल ने कहा कि उनका बेटा उज्जवल दादा सुरेंद्र दत्त नौटियाल एवं दादी सुमित्रा देवी की प्रेरणा से ही सेना में अफसर बनने की प्रतिज्ञा ली थी। उज्जवल ने आज दादा दादी के साथ ही परिजनों का सपना पूरा किया है। उज्जवल नौटियाल की प्राथमिक शिक्षा प्राथमिक विद्यालय से एवं 6-8 तक की पढ़ाई सैनिक स्कूल घोड़ाखाल से हुई है। उज्जवल की माता जी ने बताता कि उज्ज्वल की तबियत खराब रहने के कारण हम उसे सैनिक स्कूल से वापस ले आये थे और आगे की पढ़ाई 9 से 12 तक संत कबीर स्कूल मियांवाला, देहरादून से की। उज्जवल की माता जी ने बताया कि हम उनको इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भेजना चाहते थे लेकिन उज्जवल ने सैनिक स्कूल में पढ़ाई के दौरान वहां के अधिकारियों से एवं अपने नाना जी जो कि सेना से ऑडनेरी लेफ्टिनेंट सेवानिवृत्त है से प्रेरित होकर सेना में अधिकारी बनने की प्रेरणा ली। उज्जवल ने पहली बार में ही एनडीए की परीक्षा पास की थी। बेटे ने परिवार और क्षेत्र का नाम रोशन करने का काम किया है।
गांव से आज तक कोई नहीं बना सैन्य अधिकारी
पास आउट लेफ्टिनेंट उज्ज्वल नौटियाल के पिता यशवंत प्रकाश ने बताया कि टिहरी गढ़वाल के बौंसला गांव से वह आते हैं वहां आज तक कोई सैन्य अधिकारी नहीं बना है। आज उनके बेटे ने सेना में क्लास वन अधिकारी बनकर न सिर्फ अपने गांव का बल्कि उत्तराखंड एवं क्षेत्र का भी नाम रोशन किया है। वहीं, उज्ज्वल की मां कविता नौटियाल कहती हैं कि परिवार में वह और उनके पति शिक्षक के रूप में पहचाने जाते थे लेकिन अब उनके बेटे ने जिस तरह से भारतीय सेना में शामिल होकर कंधे पर सितारे लगाए हैं, वह उनकी नई पहचान को आगे बढ़ाएगा।