organic ad

बकरो और उत्तराफिश का 17 और 18 दिसम्बर को पेसिफिक मॉल में होगा ग्रैंड फूड फेस्टिवल 5 स्टार होटलों के सेफ बनाएंगे डिश

17 और 18 दिसंबर को देहरादून के पेसिफिक मॉल देहरादून में बकरो और उत्तरा फिश का ग्रैंड फूड फेस्टिवल लगेगा। इसमें देहरादून और मसूरी के मशहूर होटलों के सेफ डिस तैयार करेंगे। और दून वासियों को यह डिश पेश की जायेगी।
इसका उद्देश्य उच्च हिमालई क्षेत्रों में राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना की मदद से बकरा और ट्राउट फिश कि जो खेती हो रही है उसे लोग जाने और नॉन वेजिटेरियन लोग शुद्ध और ऑर्गेनिक रूप से तैयार इस मीट को अपनाएं।

electronics

उत्तराखंड शासन में पशुपालन एवं सहकारिता सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने आज सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में प्रेस वार्ता में कहा कि बकरो और उत्तराफिश नाम से मार्केट में फ्रेश और ऑर्गेनिक मीट बिक रहा है राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना उच्च हिमालई क्षेत्रों में बकरा पालकों बकरियां और मत्स्य पालक किसानों से ट्राउट फिश की खेती करवा रहा है।

सचिव सुंदरम ने बताया कि, उच्च हिमालई क्षेत्रों के इन प्रोडक्टों को देहरादून वासी बखूबी जाने इसके लिए दो दिवसीय ग्रैंड फूड फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। इस फेस्टिवल में देहरादून और मसूरी की पंच सितारा होटल के सेफ इन प्रोडक्टों की डिश तैयार करेंगे। इसके अलावा देहरादून के स्थानीय लोगों का कुकी कंपटीशन होगा। जिसमें प्रथम कुकी को ₹11000 द्वितीय कुकी को ₹5100 तृतीय टीम को 1300 तथा प्रतिभाग करने वाले को 1100 दिया जाएगा।
ग्रैंड फूड फेस्टिवल में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी रखे हुए हैं जिसमें प्रियंका मेहर और प्रातुयल जोशी गीत और संगीत पेश करेंगे।

सचिव सुंदरम ने बताया की भेड़ बकरी पालन उत्तराखंड का परंपरागत व्यवसाय है इसे बढ़ावा देने के लिए राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना अपना अहम योगदान दे रहा है बकरी भेड़ बकरी पालन रुद्रप्रयाग अल्मोड़ा डिस्ट्रिक्ट में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया था, अब यह पौड़ी और बागेश्वर जनपद में भी चल रहा है भेड़ बकरी पालकों को जिनके पास 10 बकरियां पहले से मौजूद थी उन्हें राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना 10 बकरी और एक बकरा दे रहा है। इन्हें वैज्ञानिक ढंग से पालने के लिए भेड़ बकरी पलकों को ट्रेनिंग दी जा रही है। और यही बकरियां बकरो के रूप में मटन देहरादून, चंडीगढ़ दिल्ली एनसीआर में निर्यात हो रहा है। इससे भेड़ बकरी पालकों की आमदनी दुगनी हो रही है।

ट्राउट फिश के बारे में सचिव सुंदरम ने बताया कि इसकी बहुत ज्यादा डिमांड यहां आ रही है ट्राउट फिश को उत्तरा फिश नाम से बेचा जा रहा है उन्होंने बताया कि तो ट्राउट फिश का अच्छा ग्रुप है ट्राउट 18 डिग्री तापमान से नीचे साफ-सुथरे अविरल पानी में होती है परियोजना के सहयोग से 25 मीटर लम्बा 2 मीटर चौड़ा तथा 4 फ़ीट गहरा सीमेंट पक्के तालाब बनाए गए हैं यहां पानी निरंतर चलता रहता है इसमें ट्राउट फिश की ग्रोथ बहुत अच्छी है विभाग ने 28 कलेक्टर बना दिए हैं अगले साल तक 50 कलेस्टर हो जाएंगे। ट्राउट फिश देहरादून में दुर्लभ थी लेकिन परियोजना की मदद से यहां लोगों को उपलब्ध हो रही है। राज्य के 6 जिलों में चमोली, रुद्रप्रयाग उत्तरकाशी, टिहरी, बागेश्वर, पिथौरागढ़ में ट्राउट फिश को मछली पालक किसान पैदावार कर रहे हैं। अब तक 10 हजार मैट्रिक टन ट्राउट मछली की पैदवार की गई है।

सचिव सुंदरम ने कहा है कि ट्राउट फिश की खेती करने के लिए महानगरों से कुछ जागरूक लोग पहाड़ आ रहे हैं। ट्राउट के लिए पहाड़ की जलवायु बहुत अनुकूल है। ट्राउट की डिमांड महानगरों में ज्यादा है।

उन्होंने बताया कि गोपेश्वर और रुद्रप्रयाग की है हेचरिज को विस्तार दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में सामान्य व्यक्ति को 40% महिला को 60% सब्सिडी विभाग दे रहा है एवं सामूहिक रूप से सहकारी समितियों के माध्यम से मत्स्य पालन में एनसीडीसी सहयोग कर रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *