रुद्रप्रयागः ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल निर्माण परियोजना की टनल नंबर 7 में बीते शाम को जबरदस्त विस्फोट हुआ। जिसमें कार्य कर रहे एक स्थानीय युवक मजदूर की मौत हो गईं, जबकि एक अन्य घायल हुआ है। हालांकि रेलवे निर्माण मे लगी कंपनी द्वारा विस्फोट के कारणों की अभी तक कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दीं जा रही है। साथ ही कंपनी का कोई भी अधिकारी कैमरे के सामने नहीं आ रहा है। इससे साफ लगता है कि बड़ी लापरवाही हुई है, जिसके कारण निर्दोष मजदूर की जान चली गई। आज आक्रोशित क्षेत्र की जनता और रेलवे निर्माण में लगे मजदूरों ने परियोजना का काम रुकवा दिया है और शीघ्र अति शीघ्र उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग पर अड़े रहे।
आक्रोशित जनता एंव मजदूरों ने कंपनी पर लगाए आरोप
बड़ी संख्या में आई जनता ने रेल निर्माण में लगी कंपनी पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस कंपनी के अधिकारी स्थानीय लोगों के साथ हमेशा दुर्व्यवहार करते रहते हैं। इससे पहले भी कई मजदूरों के हाथ पैरों पर मशीनों से चोटें आ चुकी हैं, मगर घायलों को ही नौकरी से निकाल दिया जाता है। आक्रोशित जनता एंव मजदूरों ने कंपनी पर गरीब मजदूर की हत्या का आरोप भी लगाया। गुस्साए लोगों ने जमकर रेल परियोजना के साथ साथ रेल मंत्री के भी मुर्दाबाद के नारे लगाये और कहा कि जब तक मृतक और घायलों को न्याय नहीं मिलता तब तक रेल परियोजना का कार्य नहीं होने दिया जाएगा।
जनप्रतिनिधियों ने भी किया मजदूरों का समर्थन
वहीं स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी मौके पर पहुंचकर मजदूरों को समर्थन दिया और भरोसा दिलाया कि जब तक न्याय और सभी की सुरक्षा की गारंटी कंपनी नहीं देती तबतक आंदोलन जारी रहेगा। वहीं मजदूरों के समर्थन मे आये अगस्त्यमुनि क्षेत्र पंचायत के ज्येष्ठ प्रमुख सुभाष नेगी एंव रेलवे प्रभावित संधर्ष समिति के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह रावत ने आरोप लगाते कहा कि कंपनी के बड़े अधिकारी हिटलर साही पर उत्तर रहे हैं। गरीब मजदूरों को धमकाते रहते हैं। इनको यहां से तुरंत हटाया जाना चाहिए। उन्होंने मजदूरों को भरोसा दिया कि हम हर वक़्त आपके साथ खडे हैं। आप सभी के हितों की लड़ाई लड़ी जायेगी।
जिला प्रशासन भी जांच की बात पर पल्ला झाड़ते नजर आया
इसके बाद कांग्रेस पार्टी के लोगों ने भी रेलवे परियोजना के खिलाफ नारेबाजी की ओर मजदूरों को अपना समर्थन दिया। रेल परियोजना से मिली जानकारी में बताया गया कि सोमवार को जनप्रतिनिधि एवं कुछ वरिष्ठ लोगों के शिष्टाचार मण्डल के साथ बैठक होगी और आगे की रणनीति पर चर्चा होगी। वहीं जिला प्रशासन भी जांच की बात कर अपना पल्ला झाड़ते नजर आ रहा है। जबकि रेलवे निर्माण साइटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंजाम ना होने से हादसे हो रहे हैं। जिला प्रशासन को रेल परियोजना पर पैनी नजर रखनी चाहिए थी, ताकि जनपद के अंतर्गत किसी तरह के हादसे या सुरक्षा चूक ना हो सके।