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सात चरण में होंगे पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव, 10 फरवरी को पहला फेज, मतगणना 10 मार्च को

निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है. मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनावों की तारीखों की घोषणा की. उन्होंने कहा कि कोरोना नियमों के तहत चुनाव कराए जाएंगे.चुनाव आयुक्‍त ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में जानकारी दी है. कि यूपी की 403 विधानसभा सीटों, पंजाब की 117, उत्तराखंड की 70 सीटों पर मणिपुर की 60 और गोवा की 40 सीटों पर चुनाव होना है.

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UPElections2022

पहला चरण- 10 फरवरी

दूसरा चरण- 14 फरवरी

तीसरा चरण- 20 फरवरी

चौथा चरण- 23 फरवरी

पांचवां चरण- 27 फरवरी

छठवां चरण- 3 मार्च

सातवां चरण- 7 मार्च

नतीजे 10 मार्च 2022

इस बार 18.34 करोड़ वोटर इस बार चुनाव में शामिल होंगे. वही महिलाओं की भागीदारी को इस बार चुनाव में बढाना है. इस बार 8.55 करोड़ महिला वोटर इस बार चुनाव में होंगी. औऱ 43.9 लाख वोटर पहली बार वोट डालेंगे.व 11.9 लाख महिला वोटर पहली बार वोट करेंगी. वही दिव्यांगों और कोरोना पॉजिटिव के लिए पोलिंग स्टेशन में व्यवस्थाएं की जाएगी। हर बूथ पर 1250 मतदाता वोट डाल सकेंगे. वही चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों के ऑनलाइन नॉमिनेशन दाखिल करने की सुविधा देने का ऐलान किया है। कोरोना के खतरे को देखते हुए EC ने ये निर्णय लिया है, हालांकि, ये सुविधा ऑप्शनल होगी। वही व‍धिनसभा चुनाव में प्रचार पर 28 लाख की जगह अब 40 लाख रुपये खर्च कर सकेंगे उम्‍मीदवार, #Goa और #Manipur में सीमा 28 लाख ही रहेगी

चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता को लागू कर दिया जाता है जो चुनाव के परिणाम आने तक लागू रहती है। आदर्श आचार संहिता का मुख्य उद्देश्य राजनीतिक पार्टियों में होने वाले मतभेद को रोकना, निष्प्क्ष चुनाव कराना व शांति व्यवस्था को बनाए रखना होता है। इस दौरान सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग न हो सके इसके लिए कड़े नियम और कानून मौजूद हैं। आचार संहिता के नियम और कानून के तहत चुनाव को निष्पक्ष कराया जाता है।

ये हैं नियम

इलेक्शन की तारीख की घोषणा करने के बाद आचार संहिता लागू कर दी जाती है। जिसके बाद राजनीतिक पार्टियों द्वारा सार्वजनिक धन के प्रयोग पर रोक लग जाती है। जिससे सार्वजनिक धन का प्रयोग कर राजनीतिक पार्टियां चुनाव में फायदा न उठा सकें व निष्पक्ष चुनाव कराया जा सके।

आचार संहिता लागू होने के बाद कोई भी राजनीतिक पार्टी सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान, सरकारी घर का प्रयोग नहीं कर सकती है।

आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी सरकारी काम का लोकार्पण, शिलान्यास नहीं किया जा सकता है।

आचार संहिता लागू होने के बाद पुलिस व प्रशासन की अनुमति के बगैर कोई भी राजनीतिक पार्टी रैली का आयोजन नहीं कर सकती है

आचार संहिता लागू होने के बाद सरकारी खर्च से किसी भी तरह का आयोजन नहीं किया जा सकता।

आचार संहिता नियमावली के तहत राजनीतिक पार्टियां सांप्रदायिक भावनाओं की दुहाई देते हुए धार्मिक स्थलों का प्रयोग राजनीतिक आयोजनों के लिए नहीं कर सकती हैं।

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