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4 अक्टूबर से ऋषिकेश में प्रदर्शित होगी देबू रावत निर्मित फिल्म शहीद, अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा ने किया पोस्टर का विमोचन

ऋषिकेश  शुक्रवार 4 अक्टूबर से ऋषिकेश में प्रदर्शित होगी गढ़वाली फीचर फिल्म शहीद उत्तराखंड के नौजवान सैनिक की शहादत पर बनी गढ़वाली फीचर फिल्म “शहीद” के पोस्टर का लोकार्पण बुधवार को किया गया। अंतर्राष्ट्रीय गढ़वाल महासभा के देहरादून रॉड स्थित कार्यालय में बुधवार को महासभा के संस्थापक अध्यक्ष डॉ राजे नेगी, फ़िल्म निर्माता/निर्देशक देबू रावत ने फ़िल्म का पोस्टर का लोकार्पण किया। महासभा अध्यक्ष डॉ राजे नेगी ने बताया कि शुक्रवार 4 अक्टूबर से फ़िल्म शहीद रोजाना एक शो सुबह 10:30 बजे से ऋषिकेश के रामा पैलेस सिनेमा हॉल में दिखाई जाएगी। नेगी ने कहा कि फ़िल्म नीति बनने के बाद से लगातार क्षेत्रीय फिल्मो को बढ़ावा तो मिल रहा है लेकिन प्रदेश के पहाड़ी जनपदों में सिनेमा हॉल न होने के कारण हमारी संस्कृति पर आधारित फिल्मो को वो सफलता नही मिल पा रही है जिसके वो हकदार है राज्य सरकार को इस और भी ध्यान देने की आवश्यकता है।
फिल्म के लेखक /निर्देशक/निर्माता देबू रावत हैं, जो इससे पूर्व कन्यादान, थोकदार और जै माँ धारी देवी जैसी सफल फिल्मों का निर्माण / निर्देशन कर चुके हैं। जबकि सह निर्माता महेन्द्र नेगी, सरला नेगी और रजनी रावत हैं। मुख्य सहायक निर्देश मनोज चौहान, कैमरामैन मनोज सती, गीतकार गणेश वीरान, जितेन्द्र पंवार, सतेन्द्र फरिन्दिया व मधुसूदन थपलियाल, संगीत अमित वी. कपूर व वी कैस का है। प्रोडक्शन मैनेजर राज कपसूड़ी हैं। मुख्य गायक अनुराधा निराला, लेखराज भण्डारी, जितेन्द्र पंवार व अंजली खरे हैं।
फिल्म के मुख्य कलाकार पुरुषोत्तम जेठुड़ी, पूनम लखेड़ा, अनुज कण्डारी, परमेन्द्र रावत, अजय सिंह बिष्ट, रिया शर्मा मुण्डेपी, राजेश जोशी, बसन्त घिल्डियाल, गुंजन तिवारी, चन्द्रप्रिया नेगी और महावीर राणा है। फिल्म के निर्माता/निर्देशक देबू रावत ने बताया कि फिल्म शहीद की कहानी उत्तराखण्ड के ऐसे नौजवान सैनिक और उसके परिवार की परिस्थितियों के ताने-बाने पर आधारित है, जो विवाह के चन्द दिनों बाद ही शहीद हो जाता है। उसके शहीद हो जाने के उपरान्त कैसे उसकी विधवा पत्नी को दोषी मानकर प्रताड़ित किया जाता है और कैसे सैनिक का वृद्ध पिता अपनी विधवा बहू के पुनर्विवाह के लिए संघर्ष करता है और आखिर में अपने प्रयोजन में सफल हो पाता है? इसी सामाजिक और पारिवारिक ताने-बाने पर बुनी हुई यह फिल्म है।
इस अवसर पर मुख्य सहायक निर्देशक मनोज चौहान, लोकगायक लेखराज भंडारी, प्रोडक्शन मैनेजर राज कपसूड़ी उपस्थित थे।

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