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विशाल भण्डारे के साथ शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल की स्मृति में आयोजित कथा का समापन्न


तो नित्य सिद्ध हैं वे हमारे अंदर हैं किंतु जब तक हम अपने को शारीरिक मानसिक तथा अन्य दृष्टि से शुद्ध नही करेंगे वे हमें दर्शन नही देंगे शुद्ध व्यक्ति शुद्ध से ही मिलना चाहता है हम जैसे शारीरिक व्यसनों से पतित बने व्यक्तियोँ को भगवान दर्शन क्यों देँ उक्त विचार ज्योतिष्पीठ व्यास आचार्य श्री शिव प्रसाद ममगाई जी ने मेजर बिभूति शंकर ढोन्ढियाल की पुण्य तिथि पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के विराम दिवस पर व्यक्त करते हुए कहा कि।

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पुण्य कर्म कर देने वाला ही धर्मात्मा है मठ मंदिरों को अपनी सम्पति मानकर जो उसकी किसी भी वस्तु का उपभोग करता है वह घोर पाप करता है इसी प्रकार साधु संतों को किसी के अधीन नही रहना चाहिए आज तो बहुत से साधु भी धर्म के नियंत्रण में न रहकर सरकार की कृपा प्राप्त करने के लिए भाग दौड़ करते हैं वे सरकार की धर्म विरोधी बातों का अंध समर्थन करते हैं उन्होंने कहा कि उपवास एकादशी व्रत अन्नमय कोष को परम शुद्ध परम् शुध्द करने का प्रमुख साधन है ईश के ध्यान से मन कोष सिद्ध होता है शरणागति से आनंदमय कोष सिद्ध होता है अतः भक्ति के लिए सबसे पहले अपने शरीर और मन को पवित्र शुरू करना चाहिए तभी भक्ति की ओर प्रवत होने में सार्थकता होगी वही लोकगायिका पूनम सती के सुंदर भजनों ने भी लोगो का मन मोह लिया
आज आयोजक मंडल की ओर से विशाल भंडारे का आयोजन किया गया ।


इस अवसर पर विशेष रूप से सरोज ढोन्ढियाल वैष्णवी गिरीशचन्द्र सतीशचन्द्र हरिश्चंद्र कर्नल विकाश नौटियाल राजेश पोखरियाल मेजर के नाना रजनी कॉल कैप्टन निकिता कॉल सात्विक संजय सिंह चौहान विनोद चमोली प्रवीण चमोली लोकगायिका पूनम सती महेंद्र चमोली अपराजिता श्रीवास्तव चित्रा नैथानी शाम्भवी श्रीवास्तव सरस्वती रतूड़ी रोशनी रतूड़ी नंदा तिवारी लक्ष्मी बहुगुणा रेखा भट्ट सोनिया कुकरेती रेखा बडोनी अनिता भट्ट कविता डोभाल लज़्ज़ा सेन राधा थपलियाल मंजू बडोनी पंकज धस्माना प्रियंका हेमंत अभिषेक आदि भक्त गण भारी सँख्या में उपस्थित रहे।।