कोरोना काल यानी फरवरी-2020 के बाद समाप्त हुई वाहन या ड्राइविंग लाइसेंस की वैधता को सरकार ने एक माह यानी 31 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है। यह वैधता 30 सितंबर को खत्म हो रही थी, मगर बड़ी संख्या में ऐसे वाहन चालक या संचालक हैं, जिनके दस्तावेज नवीनीकृत नहीं हो पाए हैं। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के आदेशों के क्रम में प्रदेश के सभी आरटीओ व एआरटीओ दफ्तरों के लिए इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
कोरोना के कारण बीते वर्ष से ही वाहनों के दस्तावेजों की वैधता लगातार बढ़ाई जा रही है। सबसे पहले पिछले वर्ष कोरोना के कारण लागू लाकडाउन में केंद्र सरकार की ओर से वाहनों के दस्तावेजों की वैधता 30 जून तक करने का निर्णय लिया था। इसका कारण कार्यालयों में अधिक भीड़ न करना और आमजन की सुविधा बताया गया था। इसके बाद केंद्र ने वाहनों के दस्तावेजों की वैधता अवधि 31 अगस्त, 31 दिसंबर और फिर इस वर्ष 31 मार्च तक बढ़ाई।
इस वर्ष अप्रैल में कोरोना की दूसरी लहर के कारण यह वैधता 30 जून तक बढ़ा दी गई। चूंकि कोरोना संक्रमण जून-जुलाई में भी समाप्त नहीं हुआ था, लिहाजा सरकार ने दस्तावेजों की वैधता 30 सितंबर तक बढ़ा दी थी, जो गुरुवार को खत्म हो रही थी। वाहन चालक और संचालकों को राहत देने के लिए सरकार ने वैधता एक महीने और यानी 31 अक्टूबर तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।
इस मामले में परिवहन मुख्यालय ने सभी आरटीओ व एआरटीओ दफ्तरों को पत्र भेज कहा है कि वाहनों की फिटनेस, सभी प्रकार के परमिट, ड्राइविंग लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन के साथ ही संबंधित दस्तावेजों की वैधता 31 अक्टूबर तक मानी जाएगी। परिवहन आयुक्त दीपेंद्र चौधरी ने इसके लिए साफ्टवेयर में परिवर्तन के निर्देश दिए।