घनसाली:- जनपद टिहरी गढ़वाल के विकासखंड भिलंगना से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जिससे सीएम हेल्पलाइन की भी भूमिका पर सवाल उठने लाजमी है। आखिर बंद एसी कमरों में बैठे अधिकारी पत्र को बिना पढ़े कैसे सीएम पोर्टल पर अपलोड कर देते हैं और शिकायत को बंद कर देते है।
आपको बता दें कि विकासखंड भिलंगना मुख्यालय का सबसे नजदीकी गांव सेंदुल केमरा से एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमे शिकायतकर्ता राम सिंह पोखरियाल द्वारा 16 अक्टूबर 2021 को एक शिकायत संख्या-239579 सीएम पोर्टल पर अपलोड की गई। जिसमें शिकायतकर्ता द्वारा अपनी ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत जारी जॉब कार्ड एवं खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत समस्त राशन कार्डों की जांच के संबंध में अनुरोध किया गया था।
जिसका जिला विकास अधिकारी टिहरी गढ़वाल द्वारा संज्ञान लेकर 02 नवंबर 2021 को खंड विकास अधिकारी भिलंगना को जांच के आदेश दिए गए तथा जांच की कार्यवाही से शिकायतकर्ता को भी अवगत करवाने को कहा गया था। लेकिन भिलंगना ब्लॉक में अफसरशाही इतनी हावी होती नजर आ रही है कि उन्होंने जिला विकास अधिकारी के आदेशों का पालन करना उचित नहीं समझा और शिकायतकर्ता को जांच की कोई सूचना नहीं दी और ना ही शिकायतकर्ता से कोई संपर्क किया गया अपने गुपचुप तरीके से ग्राम पंचायत में किसी और विभाग की बैठक की आड़ में शिकायतकर्ता को बिना सूचना के बैठकर जांच की गई लेकिन मजे की बात तब है जब खंड विकास अधिकारी भिलंगना द्वारा सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर अपलोड पत्र पर जांच के आदेश होने की दिनांक से पहले ही उक्त शिकायत की जांच कर दी गई। आखिर यह चल क्या रहा है।
आपको बता दें कि जिला विकास अधिकारी टिहरी गढ़वाल द्वारा 02 नवंबर 2021 को खंड विकास अधिकारी भिलंगना को उक्त ग्राम पंचायत में जांच के आदेश का पत्र जारी किया गया और खंड विकास अधिकारी द्वारा सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर अपलोड किये गए पत्र में 27 अक्टूबर 2021 को जांच होना लिखा गया है। और शिकायतकर्ता को कोई पूर्व सूचना के गुपचुप तरीके से जांच की गई और सीएम पोर्टल पर पत्र अपलोड कर शिकायत को बंद करवा दिया गया। आखिर यह तानाशाही क्यों हावी हो रही है।
सबसे बड़ा सवाल तो तब खड़ा होता है जब सीएम पोर्टल पर अपलोड पत्र को सीएम पोर्टल हैंडल करने वाले अधिकारियों द्वारा नजर अंदाज किया जाता है और बिना सोचे समझे पत्र को पोर्टल पर अपलोड कर देते हैं।
खंड विकास अधिकारी द्वारा सीएम पोर्टल पर अपलोड पत्र में लिखा गया है कि उक्त शिकायत की जांच के सम्बन्ध में दिनांक 27.10.2021 को प्रधान ग्राम पंचायत सेन्दुल केमर की अध्यक्षता में खुली बैठक की गयी। बैठक में ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम रोजगार सेवक, वार्ड सदस्य एवं ग्राम पंचायत के आम लोग सम्मिलित थे। बैठक के दौरान जॉब कार्डों का सत्यापन किया गया है, जिसमें सभी ग्रामवासियों के जॉब कार्ड सत्यापन के दौरान सही पाये गये। शिकायतकर्ता राम सिंह पोखरियाल ग्राम सेन्दुल का जॉब कार्ड संख्या-132 है, उनकी धर्मपत्नी के नाम से जारी किया गया है।
सबसे बड़ी बात यह है कि आखिर जब शिकायतकर्ता का जॉब कार्ड जारी हो रखा है तो वह जॉब कार्ड आज तक कहां दबाया हुआ है। यह एक रोचक विषय है क्यों और किसने वह शिकायतकर्ता का जॉब कार्ड दबा कर रखा हुआ है? आखिर कहां है जॉब कार्ड संख्या-132 ? क्यों शिकायतकर्ता को मनरेगा के काम से वंचित रखा जा रहा है।
वहीं जब इस मामले में शिकायतकर्ता द्वारा खंड विकास अधिकारी भिलंगना से फोन द्वारा संपर्क किया गया तो खंड विकास अधिकारी द्वारा टालमटोल करते हुए फोन को आधे बात में ही कई बार काटा जाता रहा जब किसी तरह से शिकायतकर्ता द्वारा फिर से खंड विकास अधिकारी से संपर्क किया गया तो खंड विकास अधिकारी का कहना है कि कार्यालय में आकर मुझसे बात करें जब शिकायतकर्ता द्वारा यहां बताया गया कि वह कार्यालय आने में असमर्थ हैं एवं विकलांग है आप फोन करने का उचित समय दीजिए तो खंड विकास अधिकारी द्वारा दोबारा से फोन काट दिया गया। आखिर कब तक यह अफसरशाही हावी होती रहेगी यह देखने वाली बात है।