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सड़क निर्माण ना होने पर आक्रोशित रूद्रप्रयाग की जनता, काम शुरू ना होने पर दी चुनाव बहिष्कार की धमकी

रूद्रप्रयाग विधानसभा के अंतर्गत जाखाल-जखोली मोटर मार्ग पर जखोली बैंड से घरियाणा (दत्यासेरा गांव) तक सड़क निर्माण का काम पिछले काफी समय से रूका हुआ है। पूर्व ग्राम प्रधान एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य गोपाल सिंह पंवार ने बातचीत के दौरान बताया कि उन्होंने इस सड़क निर्माण के लिए कई वर्ष पूर्व जिला पंचायत की ओर से स्वीकृति दिलाई थी। इसके बाद गत वर्ष क्षेत्र के ठेकेदार धनराज बंगारी को यह कार्य पूरा करने के लिए ठेका दिया गया था। धनराज बंगारी एक कॉन्ट्रैक्टर होने के साथ-साथ कांग्रेस सेवादल के पदाधिकारी भी है। धनराज बंगारी द्वारा अभी तक यह कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। इस स्वीकृति के अंतर्गत 450 मीटर सड़क का निर्माण किया जाना था, लेकिन अभी तक केवल 150 मीटर सड़की की ही कटिंग की गई है।
गोपाल सिंह पंवार और स्थानीय लोगों ने मिलकर जब धनराज बंगारी से इस विषय में बात की तो कॉन्ट्रैक्टर ने कहा कि वे अभी ये काम नहीं कर सकते। वे कांग्रेस पार्टी के चुनाव प्रचार में अधिक व्यस्त चल रहे है। उन्हें जब फुर्सत होगी, तब यह काम किया जाएगा। नवंबर 2021 में धनराज बंगारी ने इस काम की शुरूआत तो की थी। स्वीकृति पत्र के अनुसार यह कार्य सिर्फ 15 दिन का था। लेकिन अब जनवरी महीना खत्म होने में भी मात्र दो दिन शेष है और अभी तक यह काम पूरा नहीं किया गया है। धनराज बंगारी कभी डंपर में तेल डलवाने के पैसे ना होने का तो कभी कुछ अन्य जरूरी काम का बहाना लगा देते है।
क्षेत्र मे आवश्यक सड़क निर्माण की बजाय ठेकेदार धनराज का चुनाव प्रचार में व्यस्त होने का रवैया बिल्कुल भी ठीक नहीं है। इस गांव के लिए ये सड़का का निर्माण अत्यंत ही आवश्यक है। गांव से पक्की सड़क काफी ज्यादा दूर है, जिससे बच्चों, बूढ़ों और महिलाओं को रोजाना काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। सभी गांववालों की मांग है कि दो दिन के भीतर ठेकेदार धनराज बंगारी द्वारा इस सड़क निर्माण का कार्य पुनः शुरू किया जाए और जल्द से जल्द यह कार्य पूर्ण कर लिया जाए। यदि फरवरी की 1 तारीख से यह कार्य शुरू नहीं होता तो सभी गांव वाले सामुहिक रूप से आगमी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
इस पूरे मामले को लेकर गांववालों ने जिला अधिकारी, रूद्रप्रयाग मनुज गोयल को शिकायत पत्र भी सौंपा है। उम्मीद है कि जल्द ही मनुज गोयल इस पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करेंगे। ठेकेदारों के इस तरह के लचर रवैये के कारण ही उत्तराखंड में सैकडों प्रोजेक्ट लंबित है। राज्य सरकार को भी इन ठेकेदारों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करते हुए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

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