रामरतन सिह पंवार/जखोली
जखोली-बुढना मे स्थित राजकीय होम्यौपैथिक अस्पताल वर्तमान समय मे बिना चिकित्सक के दम तोड़ता नजर आ रहा है। सरकार पहाड़ो मे स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के चाहे लाख दावे क्यों न करे लेकिन सरकारी दावे हमेशा खोखले ही साबित हो रहे है, ज्ञात हो कि बुढना का राजकीय होम्यौपैथिक चिकित्सालय मे विगत दस सालो से चिकित्सक न होने के कारण क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि व ग्रामीणों ने नाराजगी जताई है, जनप्रतिनिधियों का कहना है है कि स्वास्थ्य विभाग ने पाँच बर्ष पूर्व एक चिकित्सक को बुढना मे तैनाती तो दी थी लेकिन चिकित्सक की ऊँची पहुंच के चलते डाक्टर को देहरादून निदेशालय अटैचमैन्ट कर दिया जब से डाक्टर को बुढना से निदेशालय भेजा गया तब से लेकर और आज तक होम्यौपेथिक अस्पताल
के केवल एक फार्मेसिस्ट के भरोसे चल रहा है।जबकि अस्पताल मे डाक्टर की तैनाती किये जाने के संबंध मे जखोली के ब्लाक प्रमुख प्रदीप थपलियाल
ने प्रदेश के मुख्यमंत्री आयुष सचिव,सहित जिलाधिकारी को डाक्टर की मूल तैनाती हेतू एक ज्ञापन भी दिया था लेकिन आज दिन तक शासन द्वारा बुढना मे कोई चिकित्सक नही भेजा गया जो कि सरकार की नाकामी को दर्शाता है।विदित हो कि विगत 15 सालो से कोई भी डाक्टर पहाड़ो मे चढना पसन्द नही कर कर रहे ,यही ही नही राजकीय होम्यौपैथिक चिकित्सालय मे कुछ बर्षो से चतुर्थ श्रेणी का पद भी रिक्त पड़ा हुआ है,जिसकख कार्य भी फार्मेसिस्ट को ही करना पड़ रहा है,बुढना की प्रधान आरती देबी,पालाकुराली की प्रधान कमला देबी,लुठियाग के प्रधान दिनेश कैन्तूरा, व क्षेत्रपंचायत सदस्य शशी देबी का कहना है अगर सरकार इस चिकित्सालय के प्रति लापरवाही नही बरतती तो जनता के इलाज हेतू यह अस्पताल कारगर सावित होता लेकिन सरकारी तंत्र के चलते अस्पताल खुद ही बिमार पड़े है।
वही जिला होम्यौपैथिक अधिकारी डाक्टर निशा फार्तिमा ने बात चित के दौरान बताया कि रूद्रप्रयाग के अन्तर्गत राजकीय होम्यौपैथिक नारायणकोटी,, मणीपुर, बुढना,सहित जिला चिकित्सालय भी बिना डाक्टर के फार्मिस्टो के भरोसे चल रहे है,
जबकि जिलाचिकित्सालय का कार्यभार जिला होम्यौपैथिक अधिकारी ही देखती है।जिला होम्यौपैथिक अधिकारी डाक्टर फर्तिमा ने ये भी बताया है कि इन चिकित्सालयों मे जितने भी फार्मिस्ट थे कोरोना काल से उनकी ड्यूटी भी सेम्पलिंग मे लगाई गयी है जो कि निरन्तर सेम्पलिंग मे अपनी सेवाएं दे है