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भाजपा नेता की बेटी का शादी का कार्ड सोशल मीडिया पर हो रहा जमकर वायरल,जाने वजह

पौड़ी: उत्तराखंड में अक्सर शादी के कार्ड वायरल होते रहते हैं क्योंकि कोई शादी नशा मुक्त होती हैं और या कोई शादी का कार्ड गढ़वाली अपनी भाषा में छपा होता है इस मुहिम के लिए अक्सर ऐसे कार्ड वायरल होते हैं लेकिन कल से फेसबुक पर भाजपा नेता की बेटी का शादी का कार्ड जमकर वायरल हो रहा है जिसने सोशल मीडिया पर बवाल मचा रखा है शादी का कार्ड वायरल होने की वजह हिंदू और मुस्लिम धर्म के वर-वधू के बीच में हो रहा निकाह , विवाह विवाद की वजह बनी हुई है ,कार्ड में शादी का समय शादी कहां पर होगी यह सब दर्ज किया हुआ है. वहीं दूल्हे पक्ष की भी जानकारी है तो दुल्हन पक्ष की भी पूरी जानकारी है।

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जहां दुल्हन पक्ष पौड़ी का रहने वाला है तो दूल्हा पक्ष यूपी के 1 जिले का रहने वाला है। इस शादी को कार्ड को लेकर सोशल मीडिया पर तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता राजेश चमोली ने कहा की

मोनिका और मोनिस को विवाह का अधिकार संविधान ने दिया है। और धर्म और जाति की परवाह न करने का हौसला प्रेम ने।

दोनों को बहुत बधाई। आप दोनों का जीवन शुभ हो और एक मिसाल कायम करें।
यहां पर दो बालिग व्यक्ति अपने जीवन में क्या करते हैं, किसे प्रेम करते हैं, किससे शादी करते हैं ये उनका निजी मामला है। हमें इसपर कुछ कहने का अधिकार नहीं है। इसीलिए उन दोनों पर अन्यथा टिप्पणी नहीं होनी चाहिए। खासकर धर्म को लेकर टिप्पणी बहुत ओछी लगती है। क्यूंकि हम जिन साम्प्रदायिक ताकतों से लड़ रहे हैं, हम उनके स्तर तक नहीं गिर सकते।
लेकिन यशपाल बेनाम, जो भाजपा नेता हैं, अब ये जान गए होंगे की प्रेम केवल प्रेम होता है। धर्म, जाति नहीं देखता। अपनी पार्टी को यही बात समझाइए। लोगों को अपनी पसंद का साथी चुनने का हक़ है। कम से कम आप अपनी पार्टी में समझदारी का बिगुल बजाइए ताकि साम्प्रदायिक लोगों को अक्ल आ सके।

वही भाजपा नेताओं ने इस मामले पर बोलने से साफ मना कर दिया।

वहीं वरिष्ठ पत्रकार राजीव नयन बहुगुणा ने अपने फेसबुक वॉलपेपर इस कार्ड पर इस तरह प्रतिक्रिया दी

उत्तराखण्ड में हिन्दू मोनिका और मुस्लिम मोनिस की शादी का यह कार्ड कल से सोशल मिडिया पर इस तरह घूम रहा है, गोया दूल्हा हर एक का किसी न किसी तरह रिश्तेदार ठहरता है.
दर असल यह पौड़ी के पूर्व विधायक, नगर निकाय प्रमुख और भाजपा नेता यशपाल रावत की बिटिया की शादी का कार्ड है.
रुड़की में इंजिनियरिंग पढ़ते दोनों बच्चों में प्यार हुआ, और घर वालों ने बहादुरी दिखाते हुए विधिवत अरेंज मैरिज करने का साहस दिखाया.
वधू के पिता यशपाल सिंह मेरे छोटे भाई के सहपाठी और मित्र रहे है, अतः मेरे लिए भी छोटे भाई के समान है.
इस साहस पूर्ण और स्वाभाविक पाणिग्रहण का यध्यपि मुझे अब तक कोई न्योता नहीं आया है, लेकिन इस कदम की दाद देते हुए मुझे वर बधू को अपने हाथ से कते सूत की माला और महात्मा गाँधी की एक पुस्तक के साथ सेर भर गुड़ की पुडखी अवश्य भिजवानी है, जैसा कि मैं करता आया हूं.
मैं यशपाल को पुनः बधाई देते हुए आह्वान करता हूं कि उस संगठन की हकीकत अवश्य समझें, जिसके वे सदस्य है.
और उसी संगठन के लोग उन्हें सर्वाधिक ट्रोल कर रहे है.
मोनिस के कई साले इसी पोस्ट पर ट्रोल करते पहचान में आ जायेंगे.

हमारा इस खबर का मकसद नफरत नहीं बल्कि सच्चाई को समाज के सामने लाना है , रैबार पहाड़ के लाखों पाठकों के अनुरोध पर हमने यह खबर बनाई है। लड़का लड़की का यह अपना निजी मामला है इस पर हम कुछ टिप्पणी नहीं कर सकते हैं। लड़का और लड़की के परिवार वालों को अभद्र टिप्पणी करना सोशल मीडिया पर भारी पड़ सकता है इसलिए सोच समझकर भी टिप्पणी करें,।