देहरादून।अधिवक्ता राजेश सूरी हत्याकांड में मौत से पहले लिखकर प्रशासन को सौपे राजेश सूरी के बंद लिफाफे में नया राज खुला है। बंद लिफाफे में लिखे मजमून में राजेश सूरी के हस्ताक्षर का मिलान हुआ है। इसके बाद पूरे हत्याकांड में एक नया मोड़ आ गया है। राजेश सूरी ने इस पत्र में कई ओहदेदारों के नाम लिखे है ।अधिवक्ता राजेश सूरी हत्याकांड में रीटा सूरी के शिकायत के बाद कोतवाली में हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। रीटा सूरी ने अधिवक्ता रवि कांत करियाना, सुधीर जैन आनंद प्रकाश जैन, दिव्या जैन को अपने भाई की मौत का जिम्मेदार बताया था। जांच में सामने आया कि 24 नवम्बर 2014 को अधिवक्ता राजेश सूरी न्यायालय नैनीताल में अपने वादों में योजित रिट याचिकाओं के इस संबंध में गए थे।28 नवंबर 2014 को रात में ट्रेन से आते समय उनका स्वास्थ्य खराब हुआ। देहरादून पहुंचने तक उनकी हालत ज्यादा खराब हो गई। 30 नवम्बर 2014 उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने अधिवक्ता राजेश सूरी को मृत घोषित कर दिया। विसरा रिपोर्ट में सामने आया कि उन्हें कोई जहरीला पदार्थ देकर उनकी हत्या की गई थी।हालांकि जांच के बाद दो बार मामले में एफआर लगा दी गई थी। लेकिन रीटा सूरी के प्रयासों के बाद उन्हें मामले में जांच फिर शुरू की गई थी। अधिवक्ता राजेश सूरी एक जुलाई 2002 को लिखित पत्र एक बंद लिफाफे के अंदर तत्कालीन अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के कार्यालय में दिया था।बंद लिफाफे को 19 जनवरी 2022 को जिलाधिकारी द्वारा गठित कमेटी के समक्ष वीडियोग्राफी करते हुए पत्र का अवलोकन करते हुए जांच में शामिल किया गया।मृतक राजेश कुमार के हस्ताक्षर मिलान के लिए 28 फरवरी 2022 को विधि विज्ञान प्रयोगशाला पंडितवाडी को भेजा। जांच में हस्ताक्षर मिलान हुआ । पत्र में अंकित अन्य व्यक्तियों का पता किया जाना शेष है। मामले की जांच जारी है।
ये है मामला
माननीय न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जनपद देहरादून मुकदमा अपराध संख्या 317/ 2014 अंतर्गत धारा 302/ 328 थाना कोतवाली नगर देहरादून को विवेचनात्मक प्रगति आख्या गठित एसआईटी टीम के नेतृत्व श्रीमान सर्वेश पंवर एसपी क्राइम द्वारा 18 /7/ 2023 वर्तमान में प्रचलित जांच रिपोर्ट प्रेषित की
1 उक्त संबंध में अवगत कराना है कि कुमारी रिटर्न सूर्य पुत्र श्री स्वर्गीय बीएल सूरी निवासी 464 ठाकुर बड़ा मोहल्ला देहरादून के प्रार्थना पत्र के आधार पर दिनांक 5:12 2014 को थाना कोतवाली नगर देहरादून पर मुकदमा अपराध संख्या 317 /2014 धारा 302 /328 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया उपयोग में नामजद अभियुक्त अधिवक्ता भूमाफिया रविकांत किराना सुधीर जैन आनंद प्रकाश जैन अधिवक्ता दिव्या जैन अधिवक्ता राजेश सूरी का जिम्मेदार होना बताया गया
2/अभियोग की विवेचनात्मक कार्यवाही के दौरान यह तथ्य सामने आया कि दिनांक 24/ 11/ 2014 को अधिवक्ता स्वर्गीय श्री राजेश माननीय न्यायालय नैनीताल में अपने वादों में योजित रिट याचिकाओं के संबंध में गए थे दिनांक 28 /11/:2014 को रात्रि में ट्रेन से आते समय उनके द्वारा अपने स्वास्थ्य खराब होना पाया क्या और देहरादून पहुंचने तक उनकी हालत ज्यादा खराब हो गई 3011 2014 को प्रातः अधिवक्ता राजेश स्टोरी का अचानक स्वास्थ्य खराब होने पर उपचार हेतु सदर अस्पताल ले जाया गया डॉक्टरों ने राजेश्वरी को मृत घोषित कर दिया अधिवक्ता स्वर्गीय सूरी का उनके घर पर पुलिस द्वारा पंचनामा की कार्यवाही करते हुए का पोस्टमार्टम कराया पोस्टमार्टम शुक्ला द्वारा किया गया पोस्टमार्टम रिपोर्ट विधि विज्ञान प्रयोगशाला मृतक राकेश सूर्य की दूसरा परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त हुई बिसरा में ऑर्गेनिक फास्फोर नामक जहरीले जहर को देखकर हत्या की गई थी धारा 302 बिसरा जांच रिपोर्ट के बाद बढ़ा दी गई
3/विवेचना तत्कालीन पुलिस अधीक्षक नगर श्री अजय सिंह द्वारा संपादित की गई उक्त उपयोग में साक्ष्यों के अभाव के कारण अंतिम रिपोर्ट संख्या 89/ 2016 दिनांक 26 /10/ 2016 माननीय न्यायालय प्रेषित कर विवेचना की गई न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेशानुसार दिनांक 23 /20/18 को पुनः विवेचना के आदेश निर्धारित होने पर विवेचना पुलिस अधीक्षक नगर श्री प्रदीप कुमार राय द्वारा संपादित की गई उपयोग में ट्रांसफर होने के स्वरूप की विवेचना पुलिस अधीक्षक नगर श्रीमती श्वेता चौबे द्वारा संपादित की अंतिम रिपोर्ट का समर्थन करते हुए दिनांक 7/12/ 2020 को माननीय न्यायालय में प्रेषित की गई
4/गठित एसआईटी टीम के द्वारा दोबारा अंतिम रिपोर्ट लगा लिया प्रेषित करेगी दोनों बार बहन कुमारी रीता सूरी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष माननीय मुख्य न्यायाधीश के आदेशानुसार डिस्ट्रिक्ट कोर्ट देहरादून पत्ती धाकड़ माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट देहरादून के आदेशानुसार दिनांक 30/7/ साथ 2021 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून महोदय द्वारा विवेचना एसआईटी गठित की गई गठित एसआईटी में नियुक्त पूर्व जों के अनंतर ट्रांसफर होने के फलस्वरूप विवेचना दिनांक 6/ 1/ 2023 को मुझे पुलिस अधीक्षक अपराध देहरादून के सुपुत्र की गई है
5/वादिनी कुमारी रीता सुरी मुकदमा के कार्यालय में सतेंदर कुमार द्वारा दिए गए शपथ पत्र दिनांक 24/ 1/ 2019 की मूल प्रति उपलब्ध होने पर पूर्व में प्रार्थना पत्र की जांच अधिकारी द्वारा एफएसएल परीक्षण हेतु भेजा गया था जिसकी परीक्षण परिमाण की मूल प्रति को प्राप्त कर विवेचना में सम्मिलित किया गया है परीक्षण परिणाम में शपथ पत्र पर अंकित हस्ताक्षर सतेंद्र कुमार के हस्ताक्षर उसे मेल खाना पाया गया है
6/सबसे महत्वपूर्ण बंद लिफाफे का राज
मृतक लेचे सूरी द्वारा दिनांक 1 साथ 2002 को लिखित पत्र जो एक बंद लिफाफे के अंदर तत्कालीन अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के कार्यालय में दिया था उक्त बंद लिफाफे को दिनांक 19 एक 2022 को जिलाधिकारी महोदय जनपद देहरादून द्वारा गठित कमेटी के समक्ष कोलवाडकर वीडियोग्राफी करते हुए उक्त पत्र का अवलोकन करते हुए विवेचना में सम्मिलित किया गया है
8/महोदय उक्त पत्र दिनांक 1 /7 2002 का मृतक राजेश कुमार के हस्ताक्षर मिलान हेतु दिनांक 28 /2/2022 को विधि विज्ञान प्रयोगशाला पंडितवारी देहरादून प्रेषित किया गया है परीक्षण परिणाम दिनांक 12/ 6/ 2022 को प्राप्त होने पर अवलोकन से हस्ताक्षर मिलान होना पाया गया है मृतक राजेश सूरी द्वारा अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व देहरादून को प्रेषित पत्र में अंकित व्यक्तियों के संबंध में संबंधित विभागों से जानकारी की गई है जिसमें कुछ व्यक्तियों का पता करते हुए बयान अंकित किए गए हैं पत्र में अंकित अन्य व्यक्तियों का पता किया जा रहा जाना शेष है वर्तमान में विवेचना प्रचलित है