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big breaking:आज लगेगा इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण, जाने कब से कब तक रहेगा सूर्य ग्रहण , किन-किन राशियों की जातकों की राशियों पर पड़ेगा प्रभाव: जाने आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं से

सूर्यग्रहण 25अक्ट्टूबर4 बजकर 22 मिनट से 6 बजकर 23 मिनट तक
वर्ष 2079 एवं 2022 में पड़ने वाले एक ही पक्ष अमावस्या पूर्णमासी को तथा एक ही मास कार्तिक मास में सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण दोनों पड़ रहे हैं यह दुर्लभ योग हजारों साल के बाद पड़ रहा है भगवान के अवतार के समय पर यह योग बना था और इस वर्ष बना है सभी प्रकार का राज सत्ता समाज सत्ता घर परिवार देश परदेश में खुशहाली रहेगी अनादि की खूब उपज होगी, आरोग्यता रहेगी ग्रहण काल में सूर्य ग्रहण मैं कुरुक्षेत्र का स्नान और चंद्र ग्रहण में काशी व गंगा का स्नान श्रेयस्कर माना गया है शास्त्र में वर्णित है किसी भी मंत्र का जल में खड़ी होकर ग्रहण स्पर्श से ग्रहण मोक्ष तक मोहन होकर जाप किया जाए तो वह सविद पुरश्चरण हो जाता है, जल में नहीं बैठ सकते जल के पास बैठकर जाप करने से पुरश्चरण हो जाता है महामंत्र का संकीर्तन करना भी पुरश्चरण के समान हो जाता है”’,, सर्वम् गंगा समं तोयं सर्वे व्यास समा द्विजा,,
अर्थात सभी तीर्थ तालाव बावड़ी छोटी धारा भी ग्रहण समय पर गंगा के समान फल देने वाले होते हैं ,इनमें जप करना स्नान करना गंगा के समान फल मिलता है और सभी ब्राह्मण ब्रह्म कर्म करने वाले कृष्ण द्वैपायन ब्यास के समान पूज्य होते हैं इनसे किया गया जाप पूजन सिद्धि दायक होता है भारत में दृश्य खंडग्रास सूर्यग्रहण 25 अक्टूबर 2022 यह ग्रहण दक्षिण यूरोप दक्षिण पश्चिम एशिया अफ्रीका महाद्वीप उत्तरी अमेरिका महाद्वीप के अधिकांश भाग दक्षिण अमेरिका महाद्वीप प्रशांत सागर महासागर बागों में दृश्य होगा, यह सूर्य ग्रहण भारत में भी दृश्य होगा,ग्रहण का समय 4 बजकर 22 मिनट से 6 बजकर 23 मिनट तक दिखाई देगा गढ़वाल क्षेत्र में ग्रहण का स्पर्श काल 4:26 तथा सूर्य ग्रस्तात 5 बजकर 27मिनट पर इस तरह एक घंटा 1 मिनट ग्रहण का स्थितिकाल रहेगा , इस ग्रहण का सूतक दिनांक 25 अक्टूबर को प्रातः काल 4:26 से प्रारंभ हो जाएगा यानी सूतक काल में मंदिर मूर्ति नहीं सुनी है सभी मंदिर बंद रहेंगे शिशुओं गर्भवती महिलाओं वृद्धों एवं निशक्त व्यक्तियों को छोड़कर अन्य को भोजन आदि नहीं करना चाहिए ग्रहण समय में स्नान दान जप इत्यादि का अत्यधिक महत्व धर्म शास्त्र में कहा गया है यह ग्रहण ग्रस्तात है जो कि राजा राजाओं के लिए अशुभ , कहा गया है जप तप से शुभ होगा , ,,ग्रस्तावुदितास्तमितौ शरदधान्यावनीश्वरक्षयदौ,, ग्रहण का स्पर्शादि तुला राशि तथा स्वाति नक्षत्र में है तुला राशि के जातकों के लिए विशेष कष्टकारी रहेगा तुला राशि के ग्रहण होने पर वायव्य मण्डल में है अवन्ति देश निवासी उज्जैन के निवासी पश्चिमी समुद्र महाराष्ट्र गुजरात आदि के निकटवर्ती लोग सज्जन तथा व्यापारी बुंदेलखंड राजस्थान और कच्छ के रहने वालों को कठिनाई, तुला राशि वाला ग्रहण रहता है तो कार्तिक मास जोकि सूर्य की नीच राशि तुला राशि होती है मे होने के कारण लोहार सोनार रसोया इत्यादि मगध बिहार के बीच निवासी पूर्व दिशा के राजा कौशल कल्मष सूर्यसेन काशी निवासी को सामान्य कष्ट रहेगा ,ग्रहण भूमण्ड में है तो व्याधियों का आना अस्त्र भय रोग अग्नि भय को देने वाला होगा ,तुला राशि के साथ अन्य राशियों के लिए इस प्रकार है ,मेष राशि वालों की पत्नी या पति को कष्ट एक दूसरे को अपमानित करने का भाव * वृष राशि कार्य सिद्धि व सुख प्राप्ति मिथुन राशि संतति कष्ट चिंता अपव्यय एवं भय रहेगा कर्क राशि कष्ट अपमान सिंह राशि के जातकों के लिए कार्य सिद्धि योग धन प्राप्ति कन्या राशि वालों के लिए धन हानि एवं परिवारिक कलह तुला राशि वालों के लिए चोट भय एवं कष्ट प्रद वृश्चिक राशि वालों के लिए धन का अपव्यय एवं वाणिज्य हानि धनु राशि वालों के लिए धन लाभ एवं कार्य सिद्धि योग मकर राशि के जातकों के लिए धन हानि शारीरिक कष्ट एवं परिवारिक सुख कुंभ राशि वालों के लिए राग अपमान व व्याधि व्यय होगा मीन राशि वालों के लिए चिंता एवं कष्टप्रद रहेगा
आचार्य शिवप्रसाद ममगांई ज्योतिष पीठ व्यास

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