जिन 2012-13 के आरोपों के तहत जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को पद से हटाया गया था उस पर पूर्व में दो बार चमोली जिलाधिकारी द्वारा की गई जांच में कोई भी वित्तीय अनियमितता नहीं पाई गई।बदले की भावना, हाईकोर्ट में पराजित हो गई लेकिन अब पुनः सरकार ने चमोली जिला पंचायत निर्वाचित अध्यक्ष रजनी भंडारी को राजनीतिक द्वेष भावना से ग्रसित होकर अनियमिताओं का आरोप लगाकर अध्यक्ष पद से हटा दिया है। मुख्यमंत्री को अपनी सरकार के इस निर्णय पर फिर से विचार करना चाहिए। बदले की भावना, सरकार और राज्य के लिए उचित नहीं है।एक बार फिर न्यायालय की शरण में जाकर इस अनुचित कार्यवाही के ख़िलाफ़ न्याय की गुहार करेंगे।कांग्रेस पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता लोकतंत्र को नष्ट करने की भाजपा की इस द्वेषपूर्ण कार्यवाही में मज़बूती से उनके साथ रहेगा।