देहरादून: कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का युवक के साथ मारपीट का प्रकरण लगातार तूल पकड़ते जा रहा है इस मारपीट प्रकरण में सरकार के साथ भाजपा की खूब फजीहत हुई है और सोशल मीडिया पर खूब किरकिरी हो रही है हो भी क्यों नहीं क्योंकि एक जनता का चुना जनप्रतिनिधि सरकार में जो वरिष्ठ मंत्री हो वह एक युवक एक आम आदमी को सरेआम गुंडों की तरफ पीटता नजर आ रहा है लेकिन इस पर जो कार्रवाही भाजपा को करनी थी वह कार्रवाई अभी तक हो ना पाए जिससे जनता में भारी आक्रोश है। लेकिन मीडिया सूत्रों की माने तो इस पूरे प्रकरण का लेखा जोखा हाईकमान तक पहुंच गया है जिससे हाईकमान कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से काफी नाराज माना जा रहा है, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस संबंध में पार्टी नेतृत्व से बात की है, इससे पहले विधानसभा भर्ती घोटाले में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की कुर्सी खतरे में पड़ गई थी लेकिन अब तो लगता है कुर्सी बचाना मुश्किल हो जाएगा।उधर, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद को संयम बरतने की सलाह दी गई है। बुधवार को कैबिनेट बैठक के बाद सीएम धामी ने कैबिनेट मंत्री को सचिवालय में तलब किया था। सूत्रों ने बताया कि सीएम धामी ने अकेले में पौन घंटे से अधिक समय अग्रवाल से बात की और उन्हें विवादों से बचने को कहा गया।
इसके बाद सीएम अपने दफ्तर से जब वापस आवास के लिए लौटे तो उनके साथ अग्रवाल नहीं थे। मीडिया से बचने के लिए वे दूसरे रास्ते से निकल गए। दरअसल, ऋषिकेश में सरेराह कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद का मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद से सीएम धामी भी उनसे काफी नाराज हैं।
सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बीती रात ही दिल्ली में पार्टी नेतृत्व को घटनाक्रम की पूरी जानकारी दे दी है। उधर, दोपहर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और महामंत्री (संगठन) अजेय कुमार ने भी सीएम धामी से इस प्रकरण पर बात की और कैबिनेट मंत्री को शांत रहने के लिए निर्देशित करने का आग्रह किया। भट्ट ने कहा कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी।
ऋषिकेश प्रकरण पर कांग्रेस कर रही राजनीति :भट्ट
भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि ऋषिकेश प्रकरण में कांग्रेस अवसर की राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि मंत्री के स्टाफ और एक युवक के बीच हुए विवाद के बाद कांग्रेस द्वारा विरोध प्रदर्शन करना सिर्फ अवसरवादी राजनीति है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि इस मामले में तस्वीर शीशे की तरह साफ है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना के तत्काल बाद मामले का संज्ञान लेकर पुलिस को निष्पक्ष जांच के आदेश दिए। हालांकि मामले में पुलिस ने दोनों ही पक्षों की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया है।