देहरादून: पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल जिला प्राधिकरण को लेकर आमने सामने हैं वहीं पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का ऐतिहासिक देवस्थानम बोर्ड काफी चर्चाओं में रहा और इस बोर्ड के गठन के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत को काफी विरोध का सामना भी करना पड़ा और कुछ राजनीतिक लोगों ने बोर्ड को लेकर समाज को भ्रमित करने का काम किया वहीं अब जानकारों का कहना है की देवस्थानम बोर्ड इतना मजबूत होता की हमें बार बार मदद के लिए केंद्र के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ता वहीं जब सरकार पर सामाजिक संगठन और विपक्ष का दबाव आया तो सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ठीक विधानसभा चुनाव से पहले 30 नंबर 2021 को देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया,वहीं आज जोशीमठ आपदा के बाद देवस्थानम बोर्ड का मंद्दा फिर गर्मा गया पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने बयान में कहा की आज देवस्थानम बोर्ड होता तो हम जोशीमठ को पुर्नस्थापित कर सकते थे यह निर्णय दूरगामी सोच के साथ लिया गया निर्णय था,